×

ट्रे में बच्चा लिए भटकती रही मां, प्रशासन की बदहाली ने ली मासूम की जान

बक्सर के सदर हॉस्पिटल में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पताल में भर्ती होने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी होते-होते उस बच्चे की जान चली गई।

Shreya
Published on: 27 July 2020 5:00 AM GMT
ट्रे में बच्चा लिए भटकती रही मां, प्रशासन की बदहाली ने ली मासूम की जान
X
Bihar- Buxar Sadar Hospital negligence

बक्सर: मामला बिहार के बक्सर जिले से है, जहां सिस्टम की लापरवाही के चलते एक मासूम की जान चली गई। अपने बच्चे की जान बचाने के लिए पिता ऑक्सीजन सिलेंडर को अपने कंधे पर लादा रहा और मां ट्रे में अपने नवजात को लेकर घूमती रही। लेकिन बच्चे की जान नहीं बच सकी। यह घटना केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र की है।

यह भी पढ़ें: खतरे में हिमालय: हवाएं उगल रहीं जहर, बर्फीली चादरों पर कालिख पोत रहे ये देश

स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते गई जान

बक्सर के सदर हॉस्पिटल में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी। यह घटना चार दिन पुरानी यानी 23 जुलाई की बताई जा रही है, लेकिन उस दौरान की दो तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में दिख रहा है कि एक व्यक्ति ऑक्सीजन सिलेंडर को अपने कंधे पर लिए हुए है और महिला ने ट्रे में अपने नवजात बच्चे को ले रखा है।

यह भी पढ़ें: खुद ढिबरी की रोशनी में की पढ़ाई, अब सैकड़ों छात्रों को बना दिया आईआईटीयन

सदर हॉस्पिटल ने पहले प्रसव करने से किया मना

अस्पताल में भर्ती होने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी होते-होते उस बच्चे की जान चली गई। जिसके बाद पीड़ित ने निजी से सरकारी हॉस्पिटल के बदइंतजामी की कहानी बताई है। राजपुर के सखुआना गांव के निवासी सुमन कुमार ने अपनी पत्नी की डिलीवरी के लिए उसे बक्सर के सदर हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। लेकिन हॉस्पिटल कर्मचारियों ने महिला का प्रसव करने से मना कर दिया।

निजी हॉस्पिटल की लापरवाही

इसके बाद सुमन अपनी पत्नी को लेकर निजी हॉस्पिटल लेकर चला गया। वहां महिला की डिलीवरी हो गई, लेकिन नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद हॉस्पिटल कर्मचारियों ने पिता के कंधे पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर और महिला को ट्रे में नवजात को देकर सदर हॉस्पिटल जाने को कह दिया।

यह भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, गांधी-नेहरू परिवार की संपत्तियों की होगी जांच

Buxer Sadar Hospital

कागजी कार्रवाई पूरी करने में लग गए डेढ़ घंटे, फिर...

अपने बच्चे की जान बचाने के लिए दंपति 18 किमी की दूर सदर हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन बच्चे को भर्ती कराने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करते-करते डेढ़ घंटे लग गए, इस बीच बच्चे ने दम तोड़ दिया। केवल यही नहीं, इसके बाद भी प्रशासन ने अपनी लापरवाही बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रशासन की तरफ से दंपति को शव के साथ घर भेजने के लिए कोई इंतजाम भी नहीं किए गए।

यह भी पढ़ें: अच्छी खबरः धड़ाधड़ आ रही कोरोना की दवाएं, कम लक्षण वालों के लिए …

जिलाधिकारी ने दिए मामले के जांच के आदेश

वहीं इस दौरान हॉस्पिटल में मौजूद किसी व्यक्ति ने घटना की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद करके सोशल मीडिया पर डाल दीं। जिसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही का ये मामला सामने आया। वहीं सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने पर सिविल सर्जन ने डीएस को और जिलाधिकारी अमन सरीन ने उपविकास आयुक्त को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

यह भी पढ़ें: राजभवन के बाहर आज प्रदर्शन नहीं करेगी कांग्रेस, इस बात का सता रहा डर

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story