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चार बार बने विधायक, लेकिन इनके पास नहीं है पक्का मकान, ऐसे जीते हैं जीवन

बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले महबूब आलम अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए पूरे इलाके में जाने जाते हैं। यही वजह है कि विधायक रहने के बाद भी ये अभी तक अपना पक्का मकान नहीं बना सके।

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Published on: 14 Nov 2020 7:55 AM GMT
चार बार बने विधायक, लेकिन इनके पास नहीं है पक्का मकान, ऐसे जीते हैं जीवन
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चार बार बने विधायक, लेकिन इनके पास नहीं है पक्का मकान, ऐसे जीते हैं जीवन

पटना: भारत में ज्यादातर नेताओं का राजनीति में आने का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा नहीं बल्कि बल्कि संपत्ति बढ़ाना होता है। राजनीति में आते ही नेताओं के ठाठ बदल जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी नेता हैं, जो राजनीति के क्षेत्र में लंबे समय से होने के बावजूद भी आम लोगों की तरह अपनी जिंदगी जी रहे हैं।

इन्हीं नेताओं में से एक हैं बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले महबूब आलम। ये अपनी ईमानदारी और सादगी के लिए पूरे इलाके में जाने जाते हैं। यही वजह है कि विधायक रहने के बाद भी ये अभी तक अपना पक्का मकान नहीं बना सके।

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महबूब आलम कटिहार के बलरामपुर सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि महबूब आलम ने इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव जीता है। साथ ही चार बार विधायक चुने जाने के बाद भी उनके पास आज तक कोई पक्का मकान तक नहीं हो सका। यहां तक कि वे आज भी कहीं जाने के लिए पैदल ही चलते हैं।

file photo

रिपोर्ट के मुताबिक इस बार के बिहार चुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे 81 फीसदी विधायक करोड़पति हैं। इन सब के बीच महबूब आलम ऐसे विधायक हैं जिनके पास न ही पक्का मकान और न ही कोई गाड़ी। अपनी इन्ही सादगी की वजह से वे इन दिनों लोगों की बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं।

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CPI के टिकट पर चौथी बार विधायक चुने गए

जानकारी के लिए बता दें कि महबूब आलम कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के टिकट पर चौथी बार विधायक चुने गए हैं। कटिहार जिले की बलरामपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। सबसे बड़ी बात उन्होंने 53 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। यह इस बार के बिहार चुनाव की सबसे बड़ी जीत है। महबूब आलम की उम्र अभी महज 44 साल ही है। और वे सिर्फ 10 वीं पास हैं। साथ ही वे खेती भी करते हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में उनकी आय भी शून्य है। उनकी यही सब खासियत उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाती है।

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