आरके श्रीवास्तव ने दी छठ पर्व की शुभकामनाएं, बोले- छठी मईया करें हर मुराद पूरी

आस्‍था के बीच कोरोना संक्रमण से बचाव भी जरूरी है। इसे देखते हुए नदी घाटों पर पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बीते सालों की तुलना में कम है। इस बीच शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने व्रतियों को शुभकामनाएं दी हैं।

Newstrack
Published on: 20 Nov 2020 6:26 PM GMT
आरके श्रीवास्तव ने दी छठ पर्व की शुभकामनाएं, बोले- छठी मईया करें हर मुराद पूरी
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आस्‍था के बीच कोरोना संक्रमण से बचाव भी जरूरी है। इसे देखते हुए नदी घाटों पर पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बीते सालों की तुलना में कम है।

लखनऊ: छठ पूजा की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय-खाय से हो गई है। हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है, इस बार छठ पूजा का त्योहार 18 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा।

छठ पूजा उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है जो अब विश्व प्रसिद्ध हो गया है। देश विदेश में छठ पूजा लोग मनाने लगे है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है,सबसे पहले नहाए-खाए, फिर खरना और आखिर में शाम और सुबह का सूर्य को अर्घ्य।

आस्‍था के बीच कोरोना संक्रमण से बचाव भी जरूरी है। इसे देखते हुए नदी घाटों पर पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बीते सालों की तुलना में कम है। इस बीच शिक्षक आरके श्रीवास्तव ने व्रतियों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही कोरोना से बचाव के लिए भी सलाह दी है। बधाई संदेश में बोले- छठी मईया करे हर मुराद पूरी

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RK Srivastva

श्रीवास्तव ने भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना एवं लोक आस्था से जुड़े चार दिवसीय छठ महापर्व के अवसर पर सभी बिहारवासियों सहित देशवासियो को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होने कहा है कि छठ पर्व से हमें साधना, तप, त्याग, सदाचार, मन की पवित्रता तथा स्वच्छता और निर्मलता बनाये रखने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने लोक-आस्था के इस पावन पर्व एवं व्रत को पूरी श्रद्धा, भक्ति, निष्ठा, बंधुत्व, सामाजिक समरसता और एकता के साथ मनाये जाने का पर्व कहा।

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यह महापर्व आत्मानुशासन का पर्व है, जिसमें लोग आत्मिक शुद्धि और निर्मल मन से अस्ताचल और उदयीमान भगवान सूर्य को अर्घ्‍य अर्पित करते हैं। लोकआस्था के महापर्व छठ के मौके पर वह भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि, शांति व सौहार्द के लिए प्रार्थना करते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से यह अपील किया कि इस महापर्व को मिल-जुलकर आपसी प्रेम, पारस्परिक सद्भाव और शांति के साथ मनाएं।

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