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Diamond Merchants: अपने कर्मचारियों को करोड़ों का गिफ्ट देने वाला बिजनेसमैन, क्यों अपने पोते को नहीं दी नौकरी

Diamond Merchants Savji Dholakia: दरअसल, सूरत के प्रसिद्ध हीरा कारोबारी सावजी भाई ढोलकिया अपने पारंपरिक हीरा कारोबार में आने से पहले अपने अमेरिका रिटर्न पोते रुविन ढोलकिया को जीवन का असली पाठ पढ़ाना चाह रहे थे, जिससे वह लोगों की समस्या को जान सके कि कैसे एक आदमी अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए जूझता है।

Viren Singh
Published on: 8 Aug 2023 12:20 PM GMT
Diamond Merchants: अपने कर्मचारियों को करोड़ों का गिफ्ट देने वाला बिजनेसमैन, क्यों अपने पोते को नहीं दी नौकरी
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Diamond Merchants Savji Dholakia (सोशल मीडिया)

Diamond Merchants Savji Dholakia: गुजरात का सूरत हमेशा से देश में डायमंड नगरी के नाम से प्रसिद्ध रहा है। डायमंड से जुड़े कुछ कारोबारी भी हमेशा से काम से मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहते हैं। सूरत के डायमंड कारोबारी सावजी भाई ढोलकिया देश में कौन नहीं जानता होगा, जो भी लोग न्यूज में थोड़ी सी दिलचस्पी लेते होंगे, वह सावरजी भाई ढोलकिया से वाकिफ होंगे। सूरत के सावजी भाई ढोलकिया गुजरात के ऐसे कारोबारी हैं जो दिवाली पर अपनी डायमंड फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को कारें, मकान और ज्वैलरी इत्यादि चीजें बोनस के रूप में गिफ्ट में देते हैं, जिस वजह से वह मीडिया में सुर्खियां में आए। लेकिन सावजी भाई ढोलकिया ने ऐसा काम करने आज मीडिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं, जिसकी अपेक्षा फैक्टी काम करने वाले लोग व उनके जुड़े अन्य लोग ने कभी सपने में नहीं सोची होगी। जो हजारों को लोगों रोजगार प्रदान कर रहा है, वह आज अपने पढ़े लिखे अमेरिका रिटर्न पोते को अपनी फैक्टी में काम न देकर दर दर मजदूरी करने के लिए विवश कर दिया है। हीरा कारोबारी सावजी की यही हरकत आज मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है।

आखिर क्यों रुविन को बनाया मजदूर?

दरअसल, सूरत के प्रसिद्ध हीरा कारोबारी सावजी भाई ढोलकिया अपने पारंपरिक हीरा कारोबार में आने से पहले अपने अमेरिका रिटर्न पोते रुविन ढोलकिया को जीवन का असली पाठ पढ़ाना चाह रहे थे, जिससे वह लोगों की समस्या को जान सके कि कैसे एक आदमी अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए जूझता है। रुविन ने अमेरिका से मास्टर ऑफ बिजनेस एमिनिस्ट्रेशन यानी MBA की पढ़ाई की है। जब रुविन ढोलकिया पढ़ाई पूर कर भारत लौटे तो उनके बाबा सावजी भाई ढोलकिया ने जिंदगी की असली मैनेजमेंट की शिक्षा को जानने के लिए रुविन को साधारण जिंदगी जीने का आदेश दिया। बाबा के आदेश का पालन करते हुए रुविन 30 जून को सूरत से चेन्नई के लिए रवाना हो गए।

रुविन को यहां करनी पड़ी नौकरी

इस दौरान सावजी भाई ढोलकिया ने रुविन को आदेश दिया कि, वह अपनी पहचान किसी से न उजागर करे। आपातकाल स्थिति के लिए रुविन को 6000 रुपये की छोटी राशि गई, ताकि वह उसका उपयोग कर सके। ज्यादा पैसा न होने की वजह से चेन्नई पहुंचते ही रुविन ने सबसे पहले नौकरी ढूंढना शुरू की। इस दौरान उन्हें कई बारे लोगों ने नौकारी देने से मना कर दिया है, लेकिन अपने शिक्षा के बल रुविन को पहली नौकरी कई दिनों से बाद सेल्समैन के रुप में एक गारमेंट शॉप मिली। उन्होंने यहां 9 दिन तक काम किया है। उसके बाद रुविन 8 दिनों तक एक भोजनालय में वेटर के रूप में काम किया। यहां पर उन्होंने खाना बनाने से लेकर परोसने के प्रबंधन सीखा। फिर 9 दिनों तक वॉच आउटलेट में सेल्समैन के रुप में भी किया है। इसके बाद आखिरी नौकरी रुविन ने बैग की दुकान पर की। यहां रुविन ने दो दिनों तक मजदूरी के रुप में बैग बनाए। अपनी 30 दिवसीय यात्रा कर वापस रुविन अपने घर गृह नगर सूरत पहुंचे।

ऐसे बयां की रूविन ने संघर्ष की कहानी

इस दौरान रुविन अपने एक महीने के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि चार अलग अलग नौकरियां करने के दौरान 80 से अधिक रिजेक्शन का सामना किया। चेन्नई में एक मामूली छात्रावास रहा और एक दिन में एक ही समय भोजन किया। उन्होंने कहा कि इस समय को मैंने दैनिक चुनौनियों के रूप में न देखकर बल्कि विकास के अवसरों के रूप में देखा है। इस दौरान जब में रिजेक्ट हुआ तो न का दर्द भी समझ में आया कि लोगों को उस समय क्या फील होता होगा? वह ईश्वर का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने मुझे एक ऐसे परिवार में पैदा किया है, यहां पर उन्हें अच्छी शिक्षा के साथ अच्छी परवरिश मिली। इस एक महीने की यात्रा में मैनें 8,600 रुपये की कमाई की। 30 जुलाई को रुविन की संघर्ष की यात्रा खत्म हुई, जब वह अपने घर पहुंचे तो परिवारजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

जानें कौन है सावजी भाई ढोलकिया और रुविन?

सावजीभाई ढोलकिया देश की सबसे बड़ी हीरा कंपनियों में से एक कंपनी चालते हैं। उनका वर्ल्डवाइड सालाना टर्नओवर 1.5 बिलिनय डॉलर का है। वह दीपावली पर अपने कर्मचारियों को बोनस के तौर पर कार, घर और कीमती आभूषण को उपहार में देकर देश विदेश में एक अलग पहचान बना रखी है। सवजीभाई के पिता और रुविन के दादा के पिता सगे भाई हैं। 20 सालों से दोनों परिवार हीरा कारोबार में जुड़ा हुआ है और मिलकर बिजनेस चला रहा है। रुविन के पिता राजू भाई ढोलकिया कंपनी में लेखा जोखा का काम करते हैं।

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