×

अभी नहीं होगा BSNL-MTNL का विलय, समिति ने मर्जर से पहले की ये सिफारिश

केंद्र की मोदी सरकार भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) का विलय करना चाहती है। लेकिन अभी इस काम में देरी होने के आसार हैं।

Shreya
Published on: 5 July 2020 10:29 AM
अभी नहीं होगा BSNL-MTNL का विलय, समिति ने मर्जर से पहले की ये सिफारिश
X

नई दिल्‍ली: केंद्र की मोदी सरकार भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) में महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) का विलय करना चाहती है। लेकिन अभी इस काम में देरी होने के आसार हैं। दरअसल, विलय प्रक्रिया के लिए सरकार द्वारा नियुक्त की गई सलाहकार समिति का सुझाव है कि पहले BSNL को दिल्ली और मुंबई में 2G और 4G स्‍पेक्‍ट्रम आवंटित किया जाए, जिससे कंपनी देशभर में अपनी सेवाएं देनी शुरू कर सके।

यह भी पढ़ें: दहेज प्रताड़ित बेटा: ले ली खुद की जान, सुसाइड नोट पर मां के लिए लिखा ऐसा

मौजूदा समय में 20 टेलीकॉम सर्किल में सेवा देता है BSNL

बता दें कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) द्वारा मौजूदा समय में देश के 20 टेलीकॉम सर्किल में सेवाएं मुहैया कराई जाती है। वहीं महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) अन्य दो टेलीकॉम सर्किल दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में मौजूद है। ये सर्किल राज्यों से जुड़े होते हैं। सरकार द्वारा नियुक्त की गई सलाहकार समिति का कहना है कि यह विलय होने से नई कंपनी पर तकरीबन 45 हजार करोड़ रुपये के कर्ज की देनदारी हो जाएगी। जिससे नई कंपनी मुसीबत में आ सकती है।

यह भी पढ़ें: अवैध कब्जे का किया था विरोध, पत्रकार को कार से कुचलने की हुई कोशिश

पिछले साल सरकार ने रिवाइवल प्लान को दी थी मंजूरी

गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने बीते साल BSNL और MTNL के लिए रिवाइवल प्लान को मंजूरी दे दी है। सरकार ने बीते अक्टूबर में बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय तथा 69 हजार करोड़ के पैकेज की मंजूरी दी थी।

यह भी पढ़ें: मोबाइल ऐप की हुई लॉन्चिग, घर बैठकर ऑनलाइन आर्डर कर सकता है ग्राहक

सैद्धांतिक विलय को मिली थी मंजूरी

दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि दोनों टेलीकॉम कंपनियों को न तो बंद किया जाएगा, ना ही विनिवेश किया जाएगा और ना ही इसको किसी तीसरे पक्ष को चलाने के लिए दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और एमटीएनएल और दोनों के सैद्धांतिक विलय को पुनर्जीवित करने की योजना को मंजूरी दिया था।

यह भी पढ़ें: विकास दुबे पर बड़ी कार्रवाई: पुलिस ने कसा शिकंजा, अब होगा ये बड़ा काम

नई कंपनी पर हो सकता है कि 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज

बता दें कि वित्‍त वर्ष 2018-19 के लिए एमटीएनएल पर 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। इसकी फाइनेंसिंग कॉस्‍ट एक हजार 703 करोड़ रुपये से ज्यादा है। वहीं दूसरी ओर BSNL पर भी करीब इतने हजार करोड़ रुपये ही बकाया है। ऐसे में दोनों टेलीकॉम कंपनियों के विलय होने से नई कंपनी पर 45 हजार करोड़ रुपसे से ज्‍यादा का कर्ज होगा।

यह भी पढ़ें: गुरु पूर्णिमा मेला स्थगित, जिला प्रशासन ने कोरोनावायरस के चलते लिया फैसला

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!