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इस सरकारी बैंक के साथ हुई धोखाधड़ी, ऐसे बिचौलियों ने बिछाया जाल

सार्वजनिक क्षेत्र के Canara Bank ने अपने सभी ब्रांच को फ्रॉड से सावधान रहने को कहा है। बैंक ने एक इंटर-ऑफिस मेमोरेंडम में कहा है कि धोखेबाज लोग सरकारी संगठनों के नाम पर एक बार में करोड़ों रुपये का डिपॉजिट कर रहे हैं।

Shreya
Published on: 14 Jun 2020 10:57 AM GMT
इस सरकारी बैंक के साथ हुई धोखाधड़ी, ऐसे बिचौलियों ने बिछाया जाल
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नई दिल्‍ली: सार्वजनिक क्षेत्र के Canara Bank ने अपने सभी ब्रांच को फ्रॉड से सावधान रहने को कहा है। बैंक ने एक इंटर-ऑफिस मेमोरेंडम में कहा है कि धोखेबाज लोग सरकारी संगठनों के नाम पर एक बार में करोड़ों रुपये का डिपॉजिट कर रहे हैं। बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जब सरकारी संगठनों के नाम पर एक साथ 47 करोड़ और 100 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं। ये मामले तब सामने आए, जब दूसरे समूहों द्वारा FD और करंट अकाउंट में 250 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए बैंक से संपर्क किया गया।

बैंक ने जारी की 'फ्रॉड एजुकेटिव सीरीज'

बैंक की तरफ से इस धोखाधड़ी की घटना के बाद 'फ्रॉड एजुकेटिव सीरीज' जारी की है। इस सीरीज में बैंक ने धोखेबाजों के काम करने का तरीका बताया है। इसके साथ ही बैंक द्वारा बैंकिंग सिस्‍टम की कमजोर कड़ियों और फ्रॉड से बचने के तरीकों के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही केनरा बैंक की ओर से अपनी सभी ब्रांच से इस तरह के एक साथ बड़ी रकम जमा के बारे में जानकारी पता लगाने को भी कहा गया है।

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इस तरह की गई बैंक से धोखाधड़ी

एक सरकारी संगठन ने बैंक से एकमुश्त सौ करोड़ रुपये जमा कराने को लेकर संपर्क किया। इस सरकारी संगठन ने एक साल और एक दिन पर इंटरेस्ट रेट पता लगाने के बाद दूसरे बैंक से केनरा में पैसे ट्रांसफर करा दिए। इसके बाद तुरंत संगठन ने बैंक से पचास करोड़ एफडी में और 50 करोड़ करंट अकाउंट में ट्रांसफर करने की बात कही।

दस दिन के अंदर ट्रांसफर किए गए 47 करोड़ रुपये

सरकार संगठन की तरफ से चालू खाता खोलने के लिए सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट भी जमा करा दिए गए। करंट अकाउंट खुलने के बाद दस दिन के अंदर करीब 47 करोड़ रुपये कई खातो में ट्रांसफर कर दिए गए। तभी इस बात का पता चला कि चालू खाता खोलने के लिए दिए गए सभी दस्तावेज नकली हैं और बैंक के साथ धोखाधड़ी की गई है।

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बैंक इस दो जगह खा गई मात

पहला तो जब संगठन ने चालू खाता खोलकर उसमें पचास करोड़ रुपये ट्रांसफर करने को कहा तो उस वक्त बैंक ने कोई जांच नहीं की।

उसके बाद जब पैसे कई चेक द्वारा ट्रांसफर किए गए तब भी बैंक ने किसी तरह की पड़ताल नहीं की।

बैंक ने सभी ब्रांच को दिए ये निर्देश

दरअसल, अधिकांश बैंक सरकारी जमा को लेकर इतने चौंकने नहीं रहते हैं और इसी बात का फायदा मिलता है धोखाधड़ी करने वालों को। बैंक ने अब अपने सभी ब्रांच से कहा है कि बिचौलियों से दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा किसी भी मैसेंजर से भेजे गए दस्तावेजों और बातचीत पर भरोसा ना करें। इतनी बड़ा रकम डिपॉजिट के लिए आए तो सीधा संबंधित सरकारी विभाग से संपर्क किया जाए।

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