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खतरे में करोड़ों नौकरियां: क्या होगा बेरोजगारों का, 4 सेक्टर्स पर गिरी कोरोना की गांज
कोरोना वायरस की महामारी कई सेक्टर के लिए कहर बन कर सामने आई है। कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में इंडस्ट्री के कई सेक्टर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी कई सेक्टर के लिए कहर बन कर सामने आई है। कोरोना के चलते देशभर में लॉकडाउन लागू किया गया है। ऐसे में इंडस्ट्री के कई सेक्टर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से कई करोड़ लोगों की नौकरी तक छीन सकती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि कोरोना की वजह से किन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
विमानन क्षेत्रों (Aviation Sector)
कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभाव एविएशन सेक्टर यानि विमानन क्षेत्रों पर हुआ है। लॉकडाउन के दौरान उड़ानों के संचालन को पूरी तरह से बंद रखा गया है। यहां तक कि इस सेक्टर में कर्मचारियों के सैलरी में कटौती और छंटनी तक शुरु हो चुकी है। भारत में कोरोना के चलते इस सेक्टर में हजारों लोगों की नौकरियां जाने की संभावना है।
जानकारों ने चेतावनी भी दी है कि अगर लॉकडाउन ज्यादा समय तक चला तो कई एयरलाइंस बंद होने की कगार पर आ सकते हैं। ग्लोबल बिजनेस एडवाइजरी फर्म केपीएमजी के मुताबिक, विमानन सेक्टर के लिए यह मंदी 2008-09 की मंदी से भी बड़ी है।
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होटल व रेस्टोरेंट (Hospitality Sector)
कोरोना के चलते हॉस्पिटलिटी सेक्टर को भी काफी असर पड़ रहा है। कोरोना के चलते लॉकडाउन लागू है और ऐसे में सभी तरह के ट्रांसपोर्ट और ट्रैवल को बंद रखा गया है। साथ ही होटल और रेस्टोरेंट को भी बंद रखा गया है। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस सेक्टर को थोड़ा फायदा मिल सकता है।
लेकिन अभी कई महीने तक विदेशी पर्यटकों के आने में समय लग सकता है। साथ ही घरेलू स्तर पर भी लोग कोरोना की वजह से भीड़भाड़ वाली जगह और रेस्टोरेंट जाने से बचेंगे। ऐसे में इस सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर छंटनी की जा सकती है।
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSMEs)
ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना के चलते सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जिस वजह से इस सेक्टर को राहत पैकेज देने की मांग बढ़ती जा रही है। सरकार की तरफ से जल्द ही इस सेक्टर के लिए राहत पैकेज का एलान किया जा सकता है।
ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AIMA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर लॉकडाउन लंबे समय तक चला और सरकार की तरफ से इस सेक्टर के लिए किसी मदद की घोषणा नहीं की गई तो MSME के करीब 7.5 करोड़ यूनिट बंद हो सकते हैं। GDP में इस सेक्टर का योगदान करीब 30 से 35 फीसदी तक है। यह सेक्टर करीब 11 करोड़ से ज्यादा लोगों के रोजगार का सहारा है। इस सेक्टर के लिए लॉकडाउन किसी बोझ से कम नहीं है।
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टूरिज्म सेक्टर (Tourism sector)
कोरोना के चलते लॉकडाउन में यातायात पर रोक लगा दिया गया है, वहीं कई शहरों में तो एयरपोर्ट भी बंद रखे गए हैं। लोगों का आना-जाना लगभग बंद हो चुका है। इन सबसे सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन उद्योग यानी टूरिज्म इंडस्ट्री को पहुंचेगा। लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोग टूर और गैर जरूरी ट्रैवल से बचकर रहना चाहेंगे।
ऐसे में टूरिज्म इंडस्ट्री में कोरोना की वजह से करोड़ों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी, दोनों सेक्टर को मिलाकर करीब 3.8 करोड़ नौकरियां जा सकती हैं।
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