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Food Delivery App: अब swiggy पर Online फूड मंगाना हुआ महंगा, जानें- कितने बढ़े दाम
Food Delivery App: ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विग्गी अपने यूजर्स से प्रति ऑर्डर 2 रुपए का प्लेटफॉर्म शुल्क ले रही है। इससे कंपनी को अच्छा मुनाफा होगा क्योंकि हर रोज स्विगी 15 लाख डिलिवरी करती है।
Food Delivery App: अब आप स्विगी से खाना मंगाएंगे तो आपको हर ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म शुल्क के रूप में 2 रुपये देने पड़ सकते हैं। फूड एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म स्विगी सभी यूजर्स से यह शुल्क वसूलना शुरू करेगी। चाहे ऑर्डर बड़ा हो या छोटा सब पर ये 2 रुपए लगेगा। फिलहाल यह शुल्क बेंगलूरु और हैदराबाद में लगाया गया है। बाद में कंपनी अन्य क्षेत्रों में भी इसका विस्तार कर सकती है। इसके जरिये कंपनी अपने खर्च पर नियंत्रण करना चाहती है।
ग्रोसरी डिलिवरी पर कोई शुल्क नहीं
स्विगी की क्विक कॉमर्स इकाई इंस्टामार्ट के जरिये मंगाए जाने वाले ऑर्डर पर यह शुल्क नहीं लग रहा है। लेकिन फूड डिलिवरी में यह स्विगी वन के ग्राहकों पर भी लागू होगा। स्विगी वन कंपनी की सबस्क्रिप्शन योजना है, जिसके सदस्यों से ऑर्डर पर डिलिवरी शुल्क नहीं लिया जाता। स्विगी के प्रवक्ता ने कहा, 'यह प्लेटफॉर्म शुल्क सभी फूड ऑर्डर पर लिया जाने वाला मामूली शुल्क है इससे हमें अपना प्लेटफॉर्म चलाने और उसे बेहत बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे उपयोगकर्ताओं क ऐप का बिना दिक्कत अनुभव दिलाने के लिए सुविधा बेहतर करने में भी मदद मिलेगी।'
अभी कहां लागू हुआ यह शुल्क?
बेंगलूरु की इस डेकाकॉर्न (10 अरब डॉलर अधिक मूल्य की कंपनी) ने कहा है कि उसके फूड डिलिवरी और ग्रोसरी डिलिवरी से मुनाफे में वक्त लगेगा। इसलिए प्लेटफार्म शुल्क लगाया जा रहा है जिससे कंपनी जल्द ही भरपाई करने में निपुण होगी। Swiggy ने बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में प्लेटफॉर्म शुल्क की शुरुआत कर दी है। हालांकि, कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि अन्य प्रमुख शहरों में यह शुल्क कब से लागू होगा। बता दें कि वर्तमान में प्लेटफॉर्म शुल्क केवल Swiggy की फूड डिलीवरी सर्विस पर लागू होता है।
प्रवक्ता ने बताई वजह
स्विगी के एक प्रवक्ता ने बताया कि, यह शुल्क हमें अपने प्लेटफॉर्म को संचालित करने और बेहतर बनाने में मदद करेगा। इसके साथ ही ऐप के सहज अनुभव को बढ़ाएगा।
बता दें कि फूड डिलिवरी कंपनी Swiggy कई चुनौतियों से जूझ रही है। हाल ही में Swiggy का वैल्यू काफी गिरा है। इस बीच, कंपनी बड़े पैमाने पर एम्प्लॉय की कटौती भी कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी इंस्टेंट डिलीवरी करने वाली यूनिट इंस्टामार्ट, प्रतिद्वंद्वी जोमैटो के किराना डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट से भी पिछड़ रही है।