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सोने की मांग में भारी गिरावट, इतने पर्सेंट हुआ महंगा

सोने के भाव में उतार-चढ़ाव होने और कोरोना की वजह से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चिता की वजह से साल की पहली तिमाही में सोने की मांग में गिरावट होने के बाद यह 101.9 टन रह गई।

Shreya
Published on: 30 April 2020 10:14 AM GMT
सोने की मांग में भारी गिरावट, इतने पर्सेंट हुआ महंगा
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नई दिल्ली: लॉकडाउन के बीच इस साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में सोने की मांग में 36 प्रतिशत की गिरावट आई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोने के भाव में उतार-चढ़ाव होने और कोरोना की वजह से पैदा हुई आर्थिक अनिश्चिता की वजह से साल की पहली तिमाही में सोने की मांग में गिरावट होने के बाद यह 101.9 टन रह गई।

सोने में इन्वेस्टमेंट की मांग में भी गिरावट

इसके साथ ही जनवरी-मार्च तिमाही में ज्वैलरी और सोने में इन्वेस्टमेंट की मांग में भी गिरावट दर्ज की गई है। आभूषण उद्योग के कारीगरों के काम पर वापस लौटने के बाद और आपूर्ति श्रृंखला जल्द से जल्द शुरु होने के बाद ही इन हालातों में सुधार होने की संभावना है। तब तक हालात चुनौतीपूर्ण बने रहने की आशंका जताई जा रही है।

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समीक्षा अवधि में सोने की मांग 37,580 करोड़ रुपये रही

वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल (WGC) ने बताया कि समीक्षा अवधि में देश के सोने की मांग 37,580 करोड़ रुपये रही। जो कि पिछले साल की पहली तिमाही के मांग से 20 फीसदी कम है। पिछले साल पहली तिमाही में सोने की मांग 47 हजार करोड़ रुपये थी।

सोने की कीमतों में भारी उछाल

वर्ल्‍ड गोल्‍ड काउंसिल इंडिया के एमडी सोमसुंदरम पीआर ने कहा कि समीक्षा अवधि में घरेलु बाजार में सोने की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया। प्रति 10 ग्राम सोने का दाम 25 फीसदी बढ़कर करीब 36,875 रुपये हो गया, जो कि सीमाशुल्क और कर की गणना किए बिना है। पिछले साल की पहली तिमाही में सोने की कीमत 36,875 रुपये।

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सोने की मांग घटने के तमाम कारण

एमडी सोमसुंदरम पीआर ने इस तिमाही में भारत के सोने की मांग घटने के कई कारण बताए हैं। उन्होंने कहा कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने के साथ-साथ कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान आवाजाही पर पाबंदी लगने, मालवहन में परेशानी और आर्थिक अनिश्चिता के चलते सोने की मांग में गिरावट आई है।

ज्वैलरी की मांग में 41 फीसदी की गिरावट

इस बीच आभूषण की मांग में कुल 41 प्रतिशत की गिरावट आई है, जिसके बाद यह 73.9 टन रही। जो कि पिछले साल इस अवधि में 125.4 टन थी। इसके अलावा रुपये में यह मांग घटकर 27,230 करोड़ रुपये रही। जो कि पिछले साल इसी अवधि में 37,070 करोड़ रुपये तक थी।

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वहीं ज्वैलरी और सोने में इन्वेस्टमेंट की मांग में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान यह मांग 17 प्रतिशत घटकर 28.1 टन रही। हालांकि सालाना आधार पर रुपये में यह कीमत 4 फीसदी बढ़कर 10,350 करोड़ रुपये तक रहा।

वैश्विक मांग में हुई बढ़ोत्तरी

कोरोना वायरस की महामारी के बीच वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों (Share Markets) में भी काफी उथल-पुथल मची हुई है। इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। ऐसे में निवेशक सोने को एक सेफ इन्वेस्टमेंट के रुप में देख रहे हैं। पहली तिमाही में सोने की वैश्विक मांग में एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। जो कि 1,083.8 टन रही। पिछले साल सोने की वैश्विक मांग 1,070.8 टन थी।

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