×

सरकार ने बनाया मास्टर प्लान, ऐसे पटरी पर आएगी सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था

लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। ऐसे में देश के अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ा है। अब जरुरी ये है कि सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार दिया जाए।

Shreya
Published on: 24 April 2020 7:45 AM GMT
सरकार ने बनाया मास्टर प्लान, ऐसे पटरी पर आएगी सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था
X

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए और इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए PM नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को 3 मई तक के लिए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का एलान किया था। लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। ऐसे में देश के अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ा है। अब जरुरी ये है कि सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार दिया जाए।

महानगरों में कोरोना वायरस का कहर

अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए जरुरी है कि महानगरों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाई जाए। लेकिन मौजूदा समय में सरकार के सामने मुश्किल ये आ रही है कि आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाले महानगरों में कोरोना वायरस का कहर जारी है और कोरोना की मार से सबसे अधिक ग्रसित हैं।

यह भी पढे़ं: यहां सुधरे हालात: 24 घंटे में सिर्फ 1 मौत, ड्रोन से रखी जा रही लोगों पर नज़र

लॉकडाउन जारी रखने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं

सरकार के वरिष्ठ मंत्री के मुताबिक, महानगरों में कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन जारी रखने के अलावा कोई अन्य विकल्प शेष नहीं बचा है। साथ ही मुश्किल ये भी है कि आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाले महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, इंदौर, अहमदाबाद में कोरोना के मामले घटने का नाम ही नहीं ले रहे।

सरकार ने तैयार की है ये योजना

वहीं अब आर्थिक गतिविधियों को अधिक समय तक ठप भी रखने नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में अब इस स्थिति से निपटने के लिए रोडमैप तैयार किए जा रहे हैं। सरकार अगल एक हफ्ते तक इन महानगरों में तकरीबन 5 लाख लोगों का कोरोना टेस्ट करने की योजना बना रही है। इसके अलावा इन महानगरों में कन्टेंमेंट जोन को भी बढ़ातक 3 गुना करने की योजना है। सरकार हॉटस्पॉट इलाकों को पूरी तरह सील कर आर्थिक गतिविधियों को शुरु करने की योजना बना रही है।

यह भी पढे़ं: यूपी में हाहाकार: 13 बच्चों की जान खतरे में, फिर जमाती बने इसकी वजह

महानगरों में रिकवरी रेट है बेहद कम

गौरतलब है कि महानगरों में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन समस्या ये भी है कि यहां पर मरीजों के ठीक होने की दर बेहद कम है। केवल दिल्ली को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी महानगरों में बीमारी से रिकवर होने की दर राष्ट्रीय औसत 19 फीसदी से भी कम है। जबकि जयपुर-इंदौर में यह 8 फीसदी, मुंबई में 13, अहमदाबाद में 10 फीसदी है। वहीं पूरे पूणे शहर को ही कंटेन्मेंट जोन घोषित किया जा चुका है।

टेस्ट को 3 गुना और बढ़ाने की योजना

कोरोना से लड़ाई के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बनाया गया मंत्री समूह या GOM पिछले 5 दिनों से इन महानगरों के लिए अलग-अलग रोडमैप तैयार करने में लगा हुआ है। GOM की सलाह के बाद ही इन महानगरों में पिछले हफ्ते कोरोना टेस्ट तीन गुना बढ़ाए गए। अब टेस्ट को अगले हफ्ते 3 गुना और बढ़ाने की योजना है। रणनीति तैयार कि गई है कि किसी भी तरह इन महानगरों में आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत की जा सके।

यह भी पढे़ं: बड़ी खबर: किसान, मजदूर और आढ़तियों का सरकार कराएगी 10-10 लाख का बीमा

आखिर क्यों है इतनी चिंता?

बता दें कि कोरोना वायरस का संकट शुरु होने से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था काफी सुस्त पड़ी हुई थी। इस बीच अब इस महामारी की वजह से एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ने के कारण सैकड़ों कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर आ खड़ी हैं। वहीं  कैबिनेट बैठक में 6 महीने तक कंपनियों द्वारा खुद को दीवालिया घोषित करने पर रोक लगा दी गई है।

जल्द ही हो सकता है प्रोत्साहन पैकेज का एलान

वहीं सरकार द्वारा उद्योगों को हुए नकसान से बचाने के लिए शीर्ष स्तर पर प्रोत्साहन पैकेज पर विचार कर रही है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पीएम मोदी के बीच कई बैठकें हुईं। GOM ने भी रोडमैप तैयार किया है। पीएम खुद आर्थिक विशेषज्ञों से लगातार संपर्क में हैं। सरकार द्वारा जल्द ही प्रोत्साहन पैकेज जारी किया जा सकता है।

यह भी पढे़ं: बंगाल में छिड़ी ये नई जंग, आमने सामने राज्यपाल और ममता बनर्जी

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shreya

Shreya

Next Story