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post office bank: ये स्कीम पांच साल में दे रही हैं लाखों का फायदा
डाकघर की NSC योजना में अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।इसे सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है।
इस महामारी में जहां एक तरफ पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था खराब हो गई है वहीं इससे बचने के लिए अगर आप निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो डाकघर की छोटी बचत योजना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में आपको बैंक की एफडी या आरडी से अच्छा रिटर्न मिल जाता है। पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स इसलिए भी बेहतर विकल्प हो सकती हैं क्योंकि इसमें पैसा पूरी तरह सेफ है और साथ ही जमा राशि पर गारंटी होती है। डाकघर की योजना में एक नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) है जहां एफडी के मुकाबले बेहतर ब्याज मिल रहा है।
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ब्याज दर
डाकघर की NSC योजना में अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।इसे सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है। इस स्कीम का टेन्योर 5 साल का है। हालांकि मेच्योरिटी पूरा होने पर इसे और 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।
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कौन खोल सकता है खाता
आपको बता दे ऐसी स्कीम के तहत निवेश की कुल अवधि 5 साल की है।इसमें निवेश की अधिकतम लिमिट तय नहीं है।एनएससी के तहत खाता देशभर में पोस्ट ऑफिस के ब्रांच में खोला जा सकता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी कोने से इसमें निवेश कर सकता है।आप अपने बच्चों के नाम पर भी इसे खरीद सकते हैं। ब्याज हर साल जुड़ता है और कपांउड इंटरेस्ट से ये पैसा लगातार बढ़ता जाता है।
आपको एक बात का ध्यान और भी रखना होगा कि टैक्स पर छूट केवल 1.5 लाख तक के निवेश पर ही मिलती है इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह योजना सरकारी है. यानी एक तो आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और दूसरा ये कि सरकार ने जितना कहा है उतना रिटर्न आपको मिलेगा.
इस स्कीम में 10 लाख रुपए जमा करने पर आपको करीब 3.5 लाख कमाने की गारंटी है. स्कीम में 5 साल बाद मैच्योरिटी होने के बाद आपको करीब 3.5 लाख रुपए का ब्याज मिलेगा.
जमा: 10 लाख
ब्याज: 6.8 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी: 5 साल
मैच्योरिटी पर रकम: 13.5 लाख
ब्याज फायदा: 3.5 लाख
आपको बता दे कि पोस्ट ऑफिस में निवेश पूरा 100 % सुरक्षित रहता है। बैंक के डिफॉल्ट होने की स्थिति में उसमें जमा सिर्फ 5 लाख रुपए तक ही बीमा गांरटी होती है. यह गारंटी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) बैंक ग्राहकों देता है. जबकि, डाकघर में जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है.
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