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महिलाओं के लिए बड़ी खबरः महिला अधिकारियों को मिला सेना में स्थायी कमीशन, एक नवंबर थी समय सीमा
भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने आधिकारी तौर पर मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी किया है।
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने आज (शुक्रवार को ) 39 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सेना से इन अधिकारियों को 1 नवंबर तक स्थायी कमीशन देने को कहा था। यह जानकारी भारतीय सेना के अधिकारी ने दी। इससे पूर्व 23 अक्टूबर को सेना के एक बयान में कहा गया था कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन ( Permanent Commission) देने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसे लेकर गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसके बाद अब महिलाओं की भी विभिन्न शीर्ष पदों पर तैनाती हो पाएगा। अब महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया है। सेना ने कहा कि इंडियन आर्मी सभी महिला अधिकारियों को देश की सेवा करने का मौका देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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सभी दस हिस्सों में स्थायी कमीशन की इजाजत
इस आदेश के मुताबिक, स्थायी सेवा आयोग (SSC) के महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के सभी दस हिस्सों में स्थायी कमीशन की इजाजत दे दी गई है। यानी अब महिला अधिकारियों को आर्मी एअर डिफेंस, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स, इंटेलिजेंस कॉर्प्स, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भी स्थायी कमीशन मिल पाएगा।
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जज, JAG और AEC में भी मिलेगी यह सुविधा
साथ ही जज और एडवोकेट जनरल (JAG) और आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स (AEC) में भी यह सुविधा मिलेगी। आधाकारिक तौर पर मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही परमानेंट कमीशन सेलेक्शन बोर्ड द्वारा महिला अधिकारियों की तैनाती हो सकेगी। सेना मुख्यालय ने इसके लिए कई अन्य एक्शन लिए हैं। चयन बोर्ड (Selection Board) सभी स्थायी सेवा आयोग (SSC) महिलाओं की तरफ से अपने विकल्प और कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद एक्शन शुरू करेगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लगाई थी फटकार
बता दें कि काफी लंबे समय से इस स्थायी कमीशन (Permanent Commission) को लेकर मांग की जा रही थी। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। जहां पर अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी और इस कमीशन को बनाने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया था। कोर्ट ने फरवरी महीने में अपना फैसला सुनाया था।
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