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यात्रीगण ध्यान दें! भारत में चलेंगी शानदार प्राइवेट ट्रेनें, ऐसा होगा सफर
रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी रूटों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिए यात्री ट्रेनें चलाने के लिए निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है। रेलवे को इस योजना में निजी कंपनियों की ओर से 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश में प्राइवेट ट्रेन चलाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी क्रम में बुधवार को रेलव ने प्री-बिड बैठक की, जिसमें 23 कंपनियों ने हिस्सा लिया। इन निजी कंपनियों ने देश में प्राइवेट ट्रेन चलाने में दिलचस्पी दिखाई। बात दें कि रेलवे की 12 क्लस्टरों में प्राइवेट ट्रेन चलाने की योजना है। पहली प्राइवेट ट्रेन अप्रैल 2023 तक पटरी पर दौड़ाने की योजना है।
प्राइवेट ट्रेनों में होंगे अत्याधुनिक फीचर्स
वहीं, देश में निजी कंपनियों द्वारा देश में चलाई जाने वाली प्राइवेट ट्रेनों की बात की जाए तो इसमें मेट्रो ट्रेन या वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे कई अत्याधुनिक फीचर्स हो सकते हैं। इन ट्रेनों में इलेक्ट्रॉनिक स्लाइडिंग दरवाजे, पैसेंजर सर्विलांस सिस्टम, डबल ग्लेज्ड सेफ्टी ग्लास के साथ खिड़कियां और सूचना एवं गंतव्य बोर्ड की जानकारी सुविधाएं भी होंगी। साथ ही आपातकालीन टॉक-बैक सिस्टम भी इन ट्रेनों में होगा, जिसके जरिए पैसेंजर इमरजेंसी सिचुएशन में संबंधित रेल कर्मचारी से तुरंत मदद मांग सकेंगे।
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एक ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे
रेलवे ने बुधवार को हुई बैठक में प्राइवेट कंपनियों के सामने अपने रेलवे नेटवर्क पर निजी ट्रेनों को दौड़ाने के लिए इन शर्तों को रखा है, जो कि विश्वस्तरीय मानक माने जाते हैं। रेल मंत्रालय ने जो मसौदा जारी किया है, उसमें मार्च 2023 से चलाई जाने वाली प्राइवेट ट्रेनों के लिए प्रारूप और निर्देश को शामिल किया है। हर एक ट्रेन में कम से कम 16 डिब्बे होंगे।
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180 किमी प्रति घंटे होगी अधिकतम रफ्तार
इसके अलावा रेलवे मंत्रालय ने बुधवार को ट्रेनों के डिजाइन को लेकर मसौदा जारी किया है। मसौदे मेम कहा गया है कि इन ट्रेनों का डिजाइन इस तरह होगा कि ये सुरक्षित रूप से अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। ट्रेन का डिजाइन करीब अगले 35 वर्षों के लिए किया जाएगा। इन रेलगाड़ियों में आपातकालीन ब्रेक लगाये जायेंगे।
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ट्रेनों में दोनों सिरों पर होंगे ड्राइविंग कैब
इसके अलावा ट्रेनों में दोनों सिरों पर ड्राइविंग कैब होंगे, इनकी बनावट दोनों ओर से एक जैसी ही होगी जिससे किसी भी स्थिति में दोनों दिशाओं में ट्रेन को चलाने में परेशानी ना हो। मंत्रालय के मसौदे में यह भी कहा गया है कि प्राइवेट कंपनियों को ट्रेनों को इस तरह से तैयार करना होगा कि वो 140 सेकंड में 0 किमी प्रति घंटे से 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड तक पहुंचने में सक्षम हों।
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यात्रा होगी शोर मुक्त
इसके अलावा ट्रेनों के डिजाइन को लेकर जारी मसौदे में कहा गया है कि इन रेलगाड़ियों में आपातकालीन ब्रेक लगाये जायेंगे जिससे 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते समय 1,250 मीटर से कम दूरी पर उन्हें रोका जा सकता है। रेलवे ने जारी मसौदे में ट्रेनों को बाहरी शोर-गुल से पूरी तरह मुक्त कर ने की भी बात कही है।
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दरवाजों के बंद होने पर ही चलेगी ट्रेन
इसके अलावा हर डिब्बे में बिजली से चलने वाले कम से कम चार स्लाइडिंग दरवाजे होने चाहिए। जो कि दोनों तरफ दो-दो लगे होंगे। इन दरवाजों के पूरी तरह से बंद होने के बाद ही ट्रेन चलना शुरू करेगी। अगर एक भी दरवाजा खुला रहा तो ट्रेन नहीं चलेगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण शर्त है। वहीं इसमें आपात स्थिति में दरवाजे को मैन्युअली खोलने की सुविधा भी होगी।
होंगे सर्विलांस कैमरे
इसके अलावा इन प्राइवेट ट्रेनों में सर्विलांस कैमरे, सीसीटीवी नेटवर्क, वाइस रिकॉर्डिग जैसी सुविधाएं भी होगी। ट्रेनों के लिए रेलवे ने इन सभी विशेषताओं को निजी ऑपरेटरों से रेलवे सिस्टम में शामिल करने की मांग की है।
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किन क्लस्टर पर चलेंगी
सभी प्राइवेट ट्रेन 12 क्लस्टर में चलाई जाएंगी। इनमें- बेंगलुरू, चंडीगढ़, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, पटना, प्रयागराज, सिकंदराबाद, हावड़ा और चेन्नई शामिल होंगे। प्राइवेट ट्रेन के लिए फाइनैंशल बिड 2021 के अप्रैल तक पूरा हो जाना चाहिए। रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन को सितंबर 2020 तक फाइनल कर लिया जाएगा।
रेल मंत्रालय ने 109 जोड़ी रूटों पर 151 आधुनिक ट्रेनों के जरिए यात्री ट्रेनें चलाने के लिए निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है। रेलवे को इस योजना में निजी कंपनियों की ओर से 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। पहली प्राइवेट ट्रेन अप्रैल 2023 तक पटरी पर दौड़ाने की योजना है।
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