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इस बड़े बैंक ने 44 करोड़ खाताधारकों को दिया बड़ा तोहफा, जानकर खुशी से झूम उठेंगे

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खाताधारकों के लिए खुशखबरी है। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि वह खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने और एसएमएस के लिए अब खाता ग्राहकों से कोई भी शुल्क नहीं लेगा। क्योंकि उसने इस शुल्क को माफ़ करने का निर्णय लिया है।

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Published on: 18 Aug 2020 6:24 PM IST
इस बड़े बैंक ने 44 करोड़ खाताधारकों को दिया बड़ा तोहफा, जानकर खुशी से झूम उठेंगे
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एसबीआई के अंदर जमा खाताधारकों की भीड़ की फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खाताधारकों के लिए खुशखबरी है। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि वह खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने और एसएमएस के लिए अब खाता ग्राहकों से कोई भी शुल्क नहीं लेगा। क्योंकि उसने इस शुल्क को माफ़ करने का निर्णय लिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई ने आज ट्वीट करते हुए लिखा- एसबीआई बचत खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। अब आपको एसएमएस सेवा और मासिक औसत शेष के रखरखाव के लिए शुल्क नहीं देना पड़ेगा। एसबीआई के 44 करोड़ से अधिक बचत खाताधारकों ये सुविधा मिलेगी।

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RBI ने इन बैंकों पर लगाया जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों के अनुपालन में कमियों को लेकर चार सहकारी बैंकों पर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस बारे में केंद्रीय बैंक ने कहा कि जोवाई को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की फाइल फोटो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की फाइल फोटो

ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा असर

ऐसे में कृष्णानगर सिटी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और दी टुरा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे ग्राहकों पर कोई भी असर नहीं होगा। क्योंकि आरबीआई अक्सर नियम नहीं मानने वाले बैंकों पर ही जुर्माना लगाता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने दी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर भी 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों पर कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों को लेकर की गई है।

मोबाइल पर बैलेंस देखते खाताधारक की फाइल फोटो मोबाइल पर बैलेंस देखते खाताधारक की फाइल फोटो

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शहरी सहकारी बैंकों की कुल परिसंपत्ति

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) से 30 जून, 2021 से प्रणाली आधारित परिसंपत्ति वर्गीकरण व्यवस्था अपनाने को कहा है। रिजर्व बैंक ने अपने परिपत्र में कहा कि जिन शहरी सहकारी बैंकों की कुल परिसंपत्ति 31 मार्च, 2020 तक 2,000 करोड़ रुपये से ऊपर रहेगी, उन्हें 30 जून, 2021 से प्रणाली आधारित परिसंपत्ति वर्गीकरण को लागू करना होगा।

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