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ऑनलाइन विज्ञापनों पर टैक्स से खूब हो रही कमाई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) भारत में मोटी कमाई कर रही अमेजॉन, ऊबर, जैसी विदेशी कंपनियों की कमाई पर ज्यादा टैक्स लगाने की तैयारी में है। ये कंपनियां भारत से कमाई तो खूब करती हैं लेकिन यहां पर मुनाफा बहुत कम दिखाती हैं।

Manali Rastogi
Published on: 9 Sep 2019 6:52 AM GMT
ऑनलाइन विज्ञापनों पर टैक्स से खूब हो रही कमाई
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ऑनलाइन विज्ञापनों पर टैक्स से खूब हो रही कमाई

नई दिल्ली: गूगल और फेसबुक जैसे प्लटफार्मों पर भारत से दिए गए विज्ञापनों से सरकार की कमाई तेजी से बढ़ी है। इस साल 31 मार्च तक सरकार ने 939 करोड़ रुपए टैक्स से कमाए हैं जबकि साल भर पहले ये आंकड़ा 590 करोड़ रुपए का था। 59 फीसदी की राजस्व बढ़ोतरी से पता चलता है कि भारतीय संस्थाओं ने फेसबुक और गूगल जैसे प्लेटफार्मों पर विज्ञापन चलवाने के लिए कम से कम 15650 करोड़ रुपए खर्च किए। जबकि पिछले साल ये रकम 9800 करोड़ रुपए थी।

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दरअसल, अगर किसी विज्ञापनदाता ने विदेश स्थित प्लेटफार्मों पर बीते वर्ष में एक लाख रुपए से अधिक रकम विज्ञापन पर खर्च की है तो उसे स्रोत पर ही टैक्स काट कर सरकार के पास जमा करना होता है। मिसाल के तौर पर कोई भारतीय कंपनी गूगल पर विज्ञापन देती है तो गूगल की ओर से टैक्स वह भारतीय कंपनी ही काट कर जमा करेगी।

कम रकम पर नहीं लागू होता नियम

चूंकि एक लाख से कम रकम पर ये नियम लागू नहीं होता सो विज्ञापनों पर खर्च की गई असली रकम कई गुना अधिक हो सकती है। टैक्स का ये नियम जून 2016 में लागू किया गया था। जिसके तहत विदेश में स्थित मोबाइल एप कंपनियों, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, वेब साइट्स, आदि को दिए गए पेमेंट पर टैक्स सोर्स पर ही काट लिया जाता है। अभी टैक्स की दर ६ फीसदी है।

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इंटरनेट के इस्तेमाल में जबर्दस्त बढ़ोतरी और स्मार्टफोनों की व्यापक उपलब्धता ने डिजिटल अर्थव्यवस्था की बढ़ोतरी में खासा योगदान किया है। इलेक्ट्रानिक्स व इन्फार्मेशन टेक्रॉलजी मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार सन 2024 तक भारत 1 ट्रिïलियन डॉलर कीमत डिजिटल अर्थव्यवस्था खड़ा कर सकता है।

200 बिलियन डॉलर की है कीमत

अभी ये 200 बिलियन डॉलर की कीमत की है। एक्सपटर््स का मानना है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी की भारी संभावनाएं हैं। यह सेक्टर टैक्स राजस्व का बहुत बड़ा स्रोत बन सकता है। अभी तो ऑनलाइन विज्ञापनों के बहुत छोटे हिस्से पर टैक्स लग रहा है। डिजिटल अर्थव्यवस्था से टैक्स संग्रह में वही संभावनाएं हैं जो सर्विस टैक्स संग्रह में देखी गईं हैं।

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आमदनी में बढ़ोतरी के ट्रेंड से उत्साहित हो कर सरकार विदेशों में स्थित डिजिटल कंपनियों के भारत में ग्राहकों के आधार पर टैक्सेशन की नई व्यवस्था बनाने कमें लगी हुई है। इसका संकेत पिछले बजट में भी किया गया था।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) भारत में मोटी कमाई कर रही अमेजॉन, ऊबर, जैसी विदेशी कंपनियों की कमाई पर ज्यादा टैक्स लगाने की तैयारी में है। ये कंपनियां भारत से कमाई तो खूब करती हैं लेकिन यहां पर मुनाफा बहुत कम दिखाती हैं।

Manali Rastogi

Manali Rastogi

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