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YES BANK: राणा के ठिकानों पर CBI का छापा, सेक्रटरी के जरिए ऐसे हुई पैसे की लूट
यस बैंक पर आए आर्थिक संकट के बाद अब जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुकू कर दी है। बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी हिरासत में ले लिया है और 11 मार्च तक हिरासत में उनसे पूछताछ करेगी, तो वहीं राणा कपूर के परिवार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। सोमवार सुबह जांच एजेंसियों ने यस बैंक मामले से जुड़े सात ठिकानों पर छापा मारा है।
नई दिल्ली: यस बैंक पर आए आर्थिक संकट के बाद अब जांच एजेंसियों ने कार्रवाई शुकू कर दी है। बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी हिरासत में ले लिया है और 11 मार्च तक हिरासत में उनसे पूछताछ करेगी, तो वहीं राणा कपूर के परिवार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। सोमवार सुबह जांच एजेंसियों ने यस बैंक मामले से जुड़े सात ठिकानों पर छापा मारा है।
यस बैंक मामले में सीबीआई ने कई जगहों पर छापा मारा है। दिल्ली और मुंबई में सीबीआई ने सोमवार सुबह छापेमारी की। इस दौरान DHFL से जुड़े ठिकानों पर भी जांच की गई है। सीबीआई ने जिन स्थानों पर छापा मारा है, उनका संबंध राणा कपूर, DHFL, RKW डेवलेपर्स और DUVP से है। इसके अलावा मुंबई के बांद्रा में मौजूद HDIL के टावर में भी सीबीआई की ओर से छापेमारी की गई है।
रविवार तक कई एजेंसियां इस मामले में शामिल हुईं और अलग-अलग मोर्चे से जांच शुरू की है। ईडी ने पहले राणा कपूर को हिरासत में लिया, उसके बाद राणा कपूर की बेटी रोशनी कपूर को एयरपोर्ट पर रोका गया। अब इसी मामले से जुड़ा एक केस सीबीआई ने भी दर्ज किया है। सीबीआई की टीम मुंबई में राणा कपूर और यस बैंक के अन्य अधिकारियों से पूछताछ करेगी।
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केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में DHFL के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसका सीधा संबंध राणा कपूर की बेटी और उनके अलावा यस बैंक के सीईओ कपिल वर्धमान से रहा है। कपिल वर्धमान, DHFL के प्रमोटर और डायरेक्टर भी हैं। अब इसी मामले में एजेंसियां राणा कपूर के रोल की जांच कर रही हैं, जिसमें DHFL को लोन देने में राणा कपूर का क्या रोल था इसकी जांच पड़ताल होगी। ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ सेक्शन 420, करप्शन एक्ट और 120 B की धाराओं के तहत केस दर्ज हुए हैं।
सेक्रटरी के जरिए हेराफेरी
ईडी ने रविवार को हॉलिडे कोर्ट में अपने रिमांड ऐप्लिकेशन में मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा किया है। ईडी ने बताया कि किस तरह राणा कपूर ने अपने परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत ली। जांच एजेंसी ने इस बात का भी खुलासा किया है कि यस बैंक की पब्लिक मनी की राणा परिवार और डीएचएफएल के वधावन ब्रदर्स के बीच बंदरबांट की गई। इसके अलावा ईडी ने राणा की सेक्रटरी के जरिए करोड़ों के रिश्वत लेने की पूरी कहानी बताई है।
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ईडी ने खुलासा किया है कि राणा की सेक्रेटरी लता दवे ने डीएचएफएल के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके 600 करोड़ रुपये का लोन लिया, जिसे रिश्वत माना जा रहा है। यह लोन DOIT अर्बन वेंचर्स नाम की फर्म के लिए लिया गया, जिसकी कर्ताधर्ता यस बैंक के फाउंडर की तीनों बेटियां हैं। ईडी ने बताया कि यह रिश्वत यस बैंक द्वारा डीएचएफल ग्रुप की कंपनियों के लिए मंजूर किए गए लोग और 4,450 करोड़ रुपये के डिबेंचर इन्वेस्टमेंट के बदले में चुकाई गई थी।
एक मीडिया रिपोर्ट में ईडी के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राणा कपूर ने कई अन्य मामलों में भी अपने पद का दुरुपयोग किया और अपने और अपने परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियों के लिए 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रिश्वत लिए। सीबीआई ने जब राणा कपूर और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज किया तो ईडी और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी उनके खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि 600 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी देने के बाद यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके बाद यस बैंक ने डीएचएफएल ग्रुप की एक अन्य कंपनी को 750 करोड़ रुपये का दूसरा लोन दिया।
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DHFL के अधिकारी ने खोला राज
डीएचएफएल के प्रेजिडेंट (प्रोजेक्ट फाइनेंस) राजेंद्र मिराशी ने ईडी को दिए अपने बयान में बताया कि DOIT अर्बन वेंचर्स ने सिक्यॉरिटी के तौर पर 735 करोड़ रुपये कीमत बताकर अपनी 5 प्रॉपर्टीज को डीएचएफल को दिया। लेकिन बाद में पता चला कि इन संपत्तियों (अलीबाग और रायगढ़ में खेती की जमीन) की परचेज प्राइस सिर्फ 40 करोड़ रुपये थी। मिसाशी ने बताया कि इस दौरान उसकी कभी भी राणा कपूर की तीनों बेटियों से बातचीत नहीं हुई और पूरे मामले को राणा की सीनियर एग्जिक्यूटिव सेक्रटरी लता दवे ने हैंडल किया।
इन लेनदेन के लिए मिराशी को डीएचएफएल के कपिल वधावन या उनके असिस्टेंट एस. गोविंदन निर्देश दिया करते थे। मिराशी ने ईडी को बताया कि DOIT अर्बन वेंचर्स में कोई कारोबारी गतिविधियां या राजस्व नहीं होने के बावजूद उसे 600 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। इतना ही नहीं, लोन को ऐसे स्ट्रक्चर किया गया कि प्रिंसिपल अमाउंट को 2023 में चुकाना था यानी 5 साल बाद और वह भी एक साथ।
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DOIT अर्बन वेंचर्स में मोर्गन क्रेडिट्स के जरिए कपूर की बेटियों- रोशनी कपूर, राधा कपूर खन्ना और राखी कपूर टंडन की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईडी को दिए अपने बयान में राधा कपूर खन्ना ने बताया कि सिक्यॉरिटी के तौर पर जमा कराई गईं संपत्तियों के अलावा उन्होंने डीएचएफएल को अपनी पर्सनल गारंटी भी दी थी।
ईडी के विशेष वकील सुनील गोंजाल्वेस ने रविवार को कोर्ट को बताया कि 'पब्लिक मनी के डिपॉजिट्स का इस्तेमाल 3700 करोड़ रुपये का लोन' लेने में किया गया। इसके अलावा 600 करोड़ का एक अलग से लोन लिया गया। इस तरह कुल 4,300 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।