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IIM इंदौर ने दिखाया दम, कोरोना काल में छात्रों का सौ फीसदी प्लेसमेंट
कोरोना काल में कई लोगों ने अपनी नौकरियां गवा दी। कई लोगों की सैलरी में कटौती कर दी गई। ऐसे समय में भी IIM इंदौर का ग्राफ उचा ही रहा है।
इंदौर: कोरोना काल में कई लोगों ने अपनी नौकरियां गवा दी। कई लोगों की सैलरी में कटौती कर दी गई। ऐसे समय में भी IIM इंदौर का ग्राफ उचा ही रहा है। इन दिनों में भी स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट सौ फ़ीसदी रहा है। यही नहीं ख़ास बात ये है कि इन स्टूडेंट्स को पिछले एक साल के मुकाबले 7 फ़ीसदी ज्यादा स्टायपेंड मिला है।
कोरोना काल में भी कामयाबी के झंडे गाड़े
कोरोना कल में भी IIM इंदौर अपने कामयाबी के झंडे गाड़ रहा है। बता दें, यहां पढ़ने वाले छात्रों का इया साल 100 फ़ीसदी प्लेसमेंट हुआ है। IIM ने समर प्लेसमेंट की रिपोर्ट जारी की है इसके मुकाबिक IIM इंदौर के 2022 बैच के 575 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हो चुका है। जिसमें इस साल पिछले साल के मुकाबले 7 फ़ीसदी ज़्यादा स्टायपेंड पर प्लेसमेंट मिला है।
बना दूसरा भारतीय बिजनेस स्कूल
इसी के साथ आईआईएम इंदौर 2019 में ईएफएमडी क्वालिटी इंप्रूवमेंट सिस्टम मान्यता प्राप्त करने के बाद ट्रिपल क्रॉउन प्राप्त करने वाला दूसरा भारतीय बिजनेस स्कूल बन गया है। संस्थान दुनिया के टॉप 100 ट्रिपल क्रॉउन मंत्र प्राप्त संस्थानों की सूची में शामिल हो चुका है। आईआईएम इंदौर के फाइव ईयर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट के 575 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ है। स्टूडेंट को रिक्रूट करने 190 कंपनियां आयीं।
औसत स्टायपेंड इतने
प्लेस हुए स्टूडेंट दो महीने अलग-अलग कंपनियों में जाकर इंटर्नशिप करेंगे। जिसके लिए उन्हें औसत स्टायपेंड 1.83 लाख रुपये प्रति माह मिला है. वही पिछले साल औसत स्टायपेंड 1.68 लाख रुपए था।
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खुश है संस्थान
IIM के डायरेक्टर डॉ. हिमांशु राय का कहना है कि उन्होंने कोशिश की है कि एक बार फिर देश की टॉप कंपनियों ने महामारी की परिस्थिति के बावजूद स्टूडेंट्स पर अपना विश्वाश बनांए रखा।
उन्होंने आगे कहां कि हम इंडस्ट्री के साथ अपने संबंध मजबूत बनाना जारी रखेंगे। उन्हीं के सहयोग से हम विश्व स्तरीय और रेलीवेंट सिलेबस तैयार करते हैं जो हमारे स्टूडेंट को स्किल्ड बनाता है। उन्हें सामाजिक रूप से संवेदनशील लीडर और अच्छा मैनेजर बनाता है। सामाजिक रूप से संवेदनशील बनाता है।
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