TRENDING TAGS :
मेरठ दीक्षांत समारोह: पहुंचे डिप्टी CM दिनेश शर्मा, सभी छात्रों से की ये अपील
उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ एक ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें 4000 से अधिक विद्यार्थी 250 से अधिक शिक्षक हैं। यह सौर ऊर्जा से आच्छादित है।
मेरठ। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ चुकी है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप बदलाव लाए जा रहे है। इस बात के पुरजोर प्रयास हो रहे हैं कि प्रदेश में विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा के अवसर मिल सकें। उच्च शिक्षा का तेजी से प्रसार सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल पर भी जोर दिया जा रहा है।
दीक्षान्त समारोह
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल की वर्चुअल उपस्थिति एवं प्रमुख शिक्षाविद प्रो एम एन पटेल ,कुलपति प्रो नरेन्द्र कुमार तनेजा, की उपस्थिति में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले के समय में गावों में बालिकाओं की शिक्षा पर जोर नहीं दिया जाता था तथा उन्हें सामाजिक सहभागिता से भी दूर रखा जाता था लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव आया है। आज लड़कियां हर क्षेत्र में सफलता के नित नए कीर्तिमान बना रही हैं। यह हर्ष का विषय है कि यहां पर मेडल पाने वालों में छात्राएं अधिक हैं। उन्होंने छात्रों से भी और अधिक मेहनत करने की अपील की। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ एक ऐसा विश्वविद्यालय है जिसमें 4000 से अधिक विद्यार्थी 250 से अधिक शिक्षक हैं। यह सौर ऊर्जा से आच्छादित है।
ई-लर्निंग की व्यवस्था
उन्होंने कहा कि कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालयों को क्षय रोग के निदान में भूमिका निभाने को कहा गया था जिसमें यह विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्र नियमितीकरण , समय पर परीक्षा , नए पाठयक्रमों के संचालन तथा रोजगार परक शिक्षा के क्षेत्र में भी इस विश्वविद्यालय ने काफी अच्छा काम किया है। कोरोना काल में पठन पाठन में व्यवधान नही हुआ तथा ऑनलाइन शिक्षा की सुचारू व्यवस्था विश्वविद्यालय में बनी रही है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सम्बद्धता , आनलाइन कक्षाए व आनलाइन प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था सभी राज्य विश्वविद्यालयों में लागू हुई है। नकलविहन परीक्षा के साथ सुधार भी तेज हुए हैं। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठयक्रम में बदलाव किए जा रहे हैं। सभी विश्वविद्यालयों से 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक समान रखते हुए 30 प्रतिशत पाठयक्रम अपने हिसाब से बनाने को कहा गया है।
ये भी पढ़ें... औरैया: घर-घर दस्तक देंगी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ढूंढे जाएंगे टीबी के मरीज
यूपी सरकार ने बनाई डिजिटल लाइब्रेरी
सरकार का प्रयास है कि वर्चुअल क्लासरूम के साथ ही ई-लर्निंग की व्यवस्था ठीक प्रकार से लागू हो। क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके । प्रयास किसा जा रहा है कि औद्योगिकि प्रतिष्ठानों के साथ विश्वविद्यालयों का तालमेल बढ़ें। शोध को प्रोत्साहन के साथ ही शोध पत्रों को शोध गंगा पोर्टल पर अपलोड कराया जा रहा है जिससे कि गुड प्रेक्टिस को अन्य जगहों पर भी अपनाया जा सके। सभी राज्य विश्वविद्यालयों में दीनदयाल शोध पीठ की स्थापना की गई है।
रज्जू भय्या विश्वविद्यालय में एक ऐसा संस्थान बनाया है जिसमें विज्ञान के क्षेत्र में शोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में व्यवस्था की जाएगी कि शिक्षक अपने लेक्चर को देने से पूर्व उसे पोर्टल पर अपलोड करे जिससे विद्यार्थी कक्षा में आने से पूर्व ही उसे पढ सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल लाइब्रेरी बनाई है जिसमें 79 हजार कन्टेंट अपलोड किए जा चुके हैं। ज्ञान के इस महासागर का कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने से नि:शुल्क प्रयोग कर सकता है।
4 वर्षों में बनें 79 राजकीय महाविद्यालय
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सरकार ने बदलावों की जो प्रक्रिया चलाई है उसका परिणाम है कि आज प्रवेश से लेकर अंकतालिका पाने तक का कार्य ऑनलाइन ही हो जाता है। शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चत करने के लिए महाविद्यालयों में नैक मूल्याकंन की कार्यवाही तेजी से कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्ष में 79 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना कराई गई है। इन महाविद्यालयों का संचालन उस क्षेत्र के विश्वविद्यालय के द्वारा स्ववित्तपोषित आधार पर किया जाएगा। सरकार शिक्षकों का केन्द्रीयकृत डाटाबेस बनाने की ओर भी बढ रही है जिसमें उनकी विशेष योग्यता का भी उल्लेख रहेगा। सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा का तेजी से प्रसार हो। इस दिशा में जिस स्थानों पर विश्वविद्यालय नहीं है वहां पर निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना को मंजूरी दी जा रही है। तीन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना भी कराई जा रही है।
नई शिक्षा नीति
उन्होंने कहा कि शिक्षा के सभी स्तरों पर सुयोग्य अध्यापकों का चयन सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया जा रहा है। सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। डा शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति को अमलीजामा पहनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए गए हैं। इसके लिए ठोस कार्ययोजना के तहत आगे बढा जा रहा है। इसके लिए 16 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। उच्च शिक्षा , माध्यमिक शिक्षा , बेसिक शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा विभाग में अलग अलग स्टीयरिंग कमेटी बनाई गईं हैं। इनके द्वारा ही नई शिक्षा नीति को लागू करने की दिशा में आगे बढा जा रहा है। इसके साथ ही प्रयास किए जा रहे हैं कि उद्योग जैसे खादी ओडीओपी के साथ उच्च शिक्षा संस्थान करार करें। अभी एमएसएमई के साथ एक करार हुआ है।
ये भी पढ़ें... बलिया: फिर चर्चा में आए BJP विधायक, कहा- फिल्मी हस्तियों-क्रिकेटर में नहीं संस्कार
निजी विश्वविद्यालय बनाने पर जोर
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ ऐसे निजी विश्वविद्यालय बने हैं जहां पर अध्ययन करने के लिए दुनिया के तमाम देशों के विद्यार्थी आ रहे हैं। अब नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा के अन्तर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में आगे बढने की योजना है। आष्ट्रेलिया इस दिशा में यूपी के साथ करार करने की अभिलाषा जाहिर कर चुका है। सरकार प्रयासरत है कि अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक विश्वस्तरीय शिक्षा भारत में ही मिल सके। इसके लिए उन्हे बाहर नहीं जाना पडे। इसके साथ ही एक ऐसा पायलेट प्रोजेक्ट आरंभ किया जिसके तहत कुछ महाविद्यालयों के पुस्तकालय के लिए प्रीलोडेड टैब उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय सहायता मिले। यह योजना आंकाक्षी महाविद्यालयों में आरंभ की गई है।
विद्यार्थियों को मिलेगा गुणवत्ता एवं रोजगारपरक उच्च शिक्षा
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने परिवर्तन के जिस लक्ष्य को तय किया है उसे तीन भाग में बांटकर आगे बढ रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि विद्यार्थियों को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। इस क्रम में 2023-25 के मध्य सभी संस्थानों में वर्चुअल लैब्स की स्थापना, उच्च शिक्षण संस्थानो का पूर्ण डिजिटलीकरण एवं इको-फ्रैन्डली कैम्पस की स्थापना की जानी है। इस दिशा में कार्य आरंभ कर दिया गया है। राज्यपाल इस बात के लिए सतत प्रयासरत है कि शिक्षा में सुधार हो जिसके लिए वे लगातार मार्गदर्शन करती है।
मौके पर पहुंचे भाजपा नेता
इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने एसएसबी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में पं मलखान सिंह भारद्वाज की प्रतिमा का अनावरण किया । उन्होंने एक विशाल सभा को भी सम्बोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियां बताई । इस मौके पर राज्य सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल , मंत्री अतुल गर्ग , मंत्री विजय कश्यप , विधायक संगीत सोम , विधायक जितेन्द्र सतवई विधायक दिनेश खटिक, विधायक सतवीर त्यागी, एमएलसी श्रीश चन्द्र शर्मा, एमएलसी दिनेश गोयल, भाजपा जिलाध्यक्ष अध्यक्ष अनुज राठी , भाजपा महानगर मुकेश सिंघल उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- सुशील कुमार
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।