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शिव नादर यूनिवर्सिटी को यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर मिल चुका है पुरस्कार: राजीव सिंह
शिव नादर यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा ने मंगलवार को नये एकेडेमिक सत्र के लिए सभी अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए प्रवेश की घोषणा की। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश उनके 12 वीं कक्षा के परिणामों, एसएनयूसैट और एकेडेमिक प्रोफिशियंसी टेस्ट (एपीटी) के आधार पर दिया जाएगा।
लखनऊ: शिव नादर यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा ने मंगलवार को नये एकेडेमिक सत्र के लिए सभी अंडरग्रेजुएट कार्यक्रमों के लिए प्रवेश की घोषणा की। विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश उनके 12 वीं कक्षा के परिणामों, एसएनयूसैट और एकेडेमिक प्रोफिशियंसी टेस्ट (एपीटी) के आधार पर दिया जाएगा। विश्वविद्यालय ग्रामीण और सुविधाओं से वंचित पृष्ठभूमि के विलक्षण प्रतिभा वाले विद्यार्थियों को रूरल स्टूडेंट स्कॉलर दे रही है। यह योजना एडमिशन शुल्क, ट्यूशन फीस, होस्टल, मेस और लाॅन्ड्री शुल्क में 100 प्रतिशत छूट देती है।
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डॉ.राजीव कुमार सिंह, असिस्टेंट डीन ऑफ अंडरग्रेजुएट स्टडीज, शिव नादर यूनिवर्सिटी ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 286 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित शिव नादर यूनिवर्सिटी स्थापना 2011 में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक अधिनियम के तहत् की गई थी।
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इस यूनिवर्सिटी को तीसरे फिक्की हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवाड्र्स में ‘इन एक्ज़िस्टैंस फार लेस दैन 10 ईयर्स’ की श्रेणी में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से नवाजा गया है। यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को उनके चयनित विषय में संपूर्ण ज्ञान और संबंधित संकायों की विस्तृत जानकारी दे रही है। शोध आधारित विश्वविद्यालय के रूप में हम ‘लर्निंग बाय डूइंग’ और अपने विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण कौशल प्रदान करने पर बल देते हैं, जो कभी भी पुराना नहीं होता।’’
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सिंह ने बताया कि हाल ही में जारी किए गए नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ), जिसका प्रकाशन भारत सरकार ने किया, में शिव नादर यूनिवर्सिटी को ‘विश्वविद्यालय’ श्रेणी में 52 वां पायदान मिला। यह विश्वविद्यालय एमएचआरडी द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा चयनित किया गया और इसे भारत सरकार ने ‘इंस्टीट्यूशन आफ एमिनेंस’ (उत्कृष्टता के संस्थान) का दर्जा दिया। शिव नादर फाउन्डेशन के तहत् नेशनल कैपिटल रीजन में कार्यरत शिव नादर यूनिवर्सिटी विभिन्न विषयों में पाठ्यक्रमों पर केंद्रित यूनीवर्सटी है,जो अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट तथा डाॅक्टरल स्तर के प्रोग्रामों की पेशकश करती है। एसएनयू के मल्टी-डिसीप्लीनरी प्रोग्राम छात्रों को मानविकी तथा समाज विज्ञान, प्राकृतिक विज्ञान, टैक्नोलाजी और इंजीनियरिंग के अलावा कला एवं संचार तथा प्रबंधन में मजबूत बुनियाद का लाभ दिलाने के साथ उन्हें उनके मनपसंद विषय में पारंगत भी बनाते हैं।
एसएनयू के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को विश्व स्तरीय फैकल्टी द्वारा संचालित किया जाता है और ये छात्रों को 21वीं सदी में कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयार करने के लिहाज से तैयार किए गए हैं।
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शिव नादर फाउन्डेशन के बारे में:
सिंह ने बताया कि शिव नादर फाउन्डेशन की स्थापना एचसीएल के संस्थापक शिव नादर के द्वारा की गई, जो 8‐3 बिलियन की अग्रणी प्रोद्यौगिकी एवं हेल्थकेयर उद्यम है। शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में संस्थानों की स्थापना के द्वारा राष्ट्रीय विकास और सामाजिक रूपान्तरण की प्रक्रिया में योगदान देना फाउन्डेशन का मिशन है। फाउन्डेशन परिवर्तनकारी शिक्षा के माध्यम से सामाजिक अंतराल को दूर करके लोगों के सशक्तीकरण के द्वारा समकक्ष एवं योग्यता आधारित समाज के निर्माण हेतू प्रतिबद्ध है।
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शिव नादर फाउन्डेशन ने 1996 में एसएसएन इन्सटीट्यूशन्स की स्थापना की जिसमें एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (जो पहले से भारत में उच्च रैंकिंग का निजी इंजीनियरिंग कॉलेज है), चेन्नई, तमिलनाडु शामिल है। शिव नादर फाउन्डेशन ने प्रतिभाशाली ग्रामीण बच्चों के लिए उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर एवं सीतापुर में रिहायशी लीडरशिप अकादमी विद्याज्ञान की स्थापना भी की है।