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मार्च-अप्रैल में होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, यूपी बोर्ड ने जारी किया शैक्षिक कैलेंडर
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2020-21 का शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल-कालेज न खुल पाने के चलते मौजूदा शैक्षिक सत्र पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने वर्ष 2020-21 का शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल-कालेज न खुल पाने के चलते मौजूदा शैक्षिक सत्र पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए परिषद ने फैसला किया है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं मार्च और अप्रैल माह में होंगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर पूरा कैलेंडर देखा जा सकता है।
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31 जनवरी तक सभी कक्षाओं का ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण कार्य पूरा करना होगा
शैक्षिक कैलेंडर के मुताबिक आगामी 18 अगस्त से विभिन्न कक्षाओं के ऑनलाइन शिक्षण कार्य को शुरू किया जायेगा तथा हर महीने के आखिरी सप्ताह में आनलाइन या आफलाइन मासिक परीक्षा होगी। स्कूल-कालेजों को हर हाल में 31 जनवरी तक सभी कक्षाओं का ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण कार्य पूरा करना होगा। सभी कक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं आगामी फरवरी माह के पहले और दूसरे सप्ताह में होगी तो प्री-बोर्ड परीक्षाएं आगामी फरवरी माह के तीसरे और चैथे सप्ताह में होगी और प्री बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही कक्षा 09 और कक्षा 11 की वार्षिक परीक्षा भी आयोजित की जायेगी। कक्षा 10 व कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा मार्च व अप्रैल माह में होगी। इसके बाद अप्रैल माह से अगले शैक्षिक सत्र 2021-22 की शुरूआत की जायेगी।
परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के मुताबिक
परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ला के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण 18 अगस्त से स्वयंप्रभा चैनल और दूरदर्शन उत्तर प्रदेश के जरिए आनलाइन कक्षायें चालू की जा रही है। इन चैनलों पर कक्षावार प्रसारित होन वाले कार्यक्रमों की विस्तृत समय सारणी परिषद जल्द ही जारी करेगी। स्कूल-कालेजों के प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी कि चैनलों पर होने वाले कक्षावार प्रसारण को सभी शिक्षक और छात्र अनिवार्य रूप से देखे। जिला विद्यालय निरीक्षक को आनलाइन शिक्षण की इस व्यवस्था और इसकी गुणवत्ता का नियमित निरीक्षण व जांच करनी होगी। आनलाइन शिक्षण का मूल्याकंन विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बनाये गये व्हाट्सअप ग्रुप के जरिए किया जायेगा।
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परिषद सचिव ने निर्देश में कहा है कि आनलाइन शिक्षण को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक आवश्यकतानुसार एनआईसी के तकनीकी विशेषज्ञों या अन्य विशेषज्ञों की मदद से जिले के प्रधानाचार्यों को वेबिनार्स तथा आनलाइन ट्यूटोरियल य व्हाट्सअप के जरिए शिक्षण कार्य के लिए प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण लेने के बाद प्रधानाचार्य अपनी संस्था के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। इसके अलावा शैक्षिक कैलेंडर में पूरे वर्ष एनसीसी, स्काउट-गाइड की गतिविधियों के संचालन की बात भी कही गई है।
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