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टूटेंगे बॉलीवुड आशियाने: दिग्गज सितारों के घर पर चलेगा बुलडोजर, SC ने दी मंजूरी

बॉलीवुड की जानी-मानी हस्तियों के तमिलनाडू में खूबसूरत आलीशान आशियाने यानी कि रिसॉर्ट्स पर अब बुलडोजर चलने वाला है। इन बड़ी हस्तियों में बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती भी शामिल हैं।

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Published on: 14 Oct 2020 8:42 AM GMT
टूटेंगे बॉलीवुड आशियाने: दिग्गज सितारों के घर पर चलेगा बुलडोजर, SC ने दी मंजूरी
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टूटेंगे बॉलीवुड आशियाने: दिग्गज सितारों के घर पर चलेगा बुलडोजर, SC ने दी मंजूरी

नई दिल्ली। बॉलीवुड की जानी-मानी हस्तियों के तमिलनाडू में खूबसूरत आलीशान आशियाने यानी कि रिसॉर्ट्स पर अब बुलडोजर चलने वाला है। इन बड़ी हस्तियों में बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती भी शामिल हैं। ये सभी रिसॉर्ट बहाथियों के सुरक्षित इलाकों में गैर कानूनी तरीके से बनाए गए थे। जिन्हें अब बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ने का आदेश दे दिया है।

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मिथुन चक्रवर्ती का भी एक रिसॉर्ट

तमिलनाडू में नीलगिरी की पहाड़ियों के मदुमलाई फॉरेस्ट रेंज में कई मशहूर लोगों ने अपने रिसॉर्ट बना हुए थे। इनमें से मिथुन चक्रवर्ती का भी एक रिसॉर्ट है।

ऐसे में इस इलाके में मौसम के बदलने पर हाथी बड़ी संख्या में यहां से गुजरते हैं। लेकिन धीरे-धीरे रिसॉर्ट बनाए जाने के बाद से यहां पर इंसानों की आबादी बढ़ने लगी है। इन हालातों में अब सबसे ज्यादा असर हाथियों पर पड़ा है।

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mithun chakraborty फोटो-सोशल मीडिया

आदेश पर अपनी मुहर लगा दी

बता दें, मद्रास हाई कोर्ट ने सन् 2011 में ही रिसॉर्ट तोड़ने के आदेश दिए थे। जिसके चलते मिथुन चक्रवर्ती सहित कई लोगों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। और तब से ही ये मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी है।

ऐसे में सन् 2011 में हाईकोर्ट ने पर्यावरण को खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मिथुन के रिसॉर्ट सहित इलाके के कुछ और होटलों को भी ढहाने के आदेश दिए थे।

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कई आदिवासियों को रोजगार मिलता

ऐसे में मिथुन ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और कहा था कि उनके रिसॉर्ट से कई आदिवासियों को रोजगार मिलता है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में रिसॉर्ट होने और लोगों की आवाजाही के कारण हाथियों के अवैध शिकार पर भी रोक लगी है। इसलिए उनके रिसॉर्ट को टूटने से बचाया जाए।

इस पर मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इकोटूरिज्म के नाम पर बसाए गए मिथुन के होटल से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। और ये बंगाल एलिफेंट कोरिडोर में पड़ता है और इस जमीन पर वन विभाग का अधिकार है। प्राकृतिक हनन को रोकने के लिए ये कठोर कदम उठाया जा रहा है।

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