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OTT Censorship: सलमान खान की डिमांड पर बवाल, सामने खड़े हुए अमरीश पुरी के पोते; आइए जानें क्या है सेंसरशिप

OTT Censorship: हाल ही में, एक्टर सलमान खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओटीटी पर सेंसरशिप की डिमांड की थी, जिसके बाद से बॉलीवुड में इस बात पर बहस छिड़ गई है और अब इसका हिस्सा वर्धन पुरी भी बन चुके हैं।

Ruchi Jha
Published on: 8 April 2023 8:46 PM IST
OTT Censorship: सलमान खान की डिमांड पर बवाल, सामने खड़े हुए अमरीश पुरी के पोते; आइए जानें क्या है सेंसरशिप
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OTT Censorship (Image Credit: Instagram)

OTT Censorship: बॉलीवुड के भाईजान यानी सलमान खान ने अभी हाल-फिलहाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ओटीटी कंटेंट पर अपनी नाराजगी जताते हुए सेंसरशिप की बात की थी। उन्होंने कहा था कि ओटीटी पर सेंसरशिप होना बहुत जरुरी है, क्योंकि इस पर सभी तरह के कंटेंट उपलब्ध होते हैं। भाईजान का कहना है कि ओटीटी पर आने वाले ज्यादातर कंटेंट में अश्लीलता और गाली-गलौज दिखाई जाती है, जो बंद होनी चाहिए। सलमान खान के इस बयान के बाद बॉलीवुड में बहस छिड़ गई है, जिसका हिस्सा अब दिग्गज एक्टर अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी भी बन चुके हैं। जी हां, वर्धन ने सलमान खान के इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उनके खिलाफ बात की है।

सलमान खान की डिमांड पर बोले वर्धन पुरी

दरअसल, हाल ही में वर्धन पुरी ने एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उनसे सलमान की डिमांड पर भी सवाल किए गए, जिन पर वर्धन ने खुलकर बात की और बताया कि अगर सेंसरशिप लग गई तो सभी की क्रिएटिविटी खत्म हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह सेंसरशिप के विरोध में हैं और खासकर वह नहीं चाहते कि ओटीटी पर सेंसरशिप लगे। उनके शब्दों में;

''मैं सभी की राय का सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरे विचार अलग हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई सेंसरशिप होगी, तो क्रिएटिविटी मर जाएगी। मैं सेंसरशिप का विरोध करता हूं। मैं सर्टिफिकेशन में विश्वास करता हूं, निर्देश दिए जा सकते हैं, लेबल तैयार किए जा सकते हैं। लेकिन बड़े होने के नाते हर किसी के पास यह चुनने की पावर होनी चाहिए कि वे क्या देखना चाहते हैं। मैं किसी भी तरह की सेंसरशिप के पक्ष में नहीं हूं, खासकर ओटीटी पर तो बिल्कुल भी नहीं।''

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वर्धन ने कहा कि अगर सेंसरशिप लगती है, तो यह ठीक नहीं होगा। उन्होंने कहा, ''सर्टिफिकेशन ठीक है, लेकिन किसी भी चीज के किसी हिस्से को काट देना, किसी कंटेंट को उसकी भाषा या अश्लीलता के कारण रिलीज नहीं होने देना मुझे समझ नहीं आता है। नियम होना ठीक है, लेकिन सेंसरशिप नहीं। आपको यह नियंत्रित करना होगा कि कौन सामग्री देखने में सक्षम है क्योंकि ऐसे नाबालिग भी हैं, जो इस तरह की सामग्री देखते हैं। लेकिन, लोगों के लिए यह तय करना कि उनके लिए क्या देखना ठीक है, मुझे लगता है, यह रिडिक्युलस है।''

सेंसरशिप को लेकर क्या है सलमान खान की राय?

मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलमान खान ने ओटीटी सेंसरशिप के मुद्दे पर कहा था, ''मुझे सच में लगता है कि ओटीटी में सेंसरशिप होनी चाहिए। यह सब अश्लीलता, नग्नता, गाली-गलौज बंद होनी चाहिए। 15 या 16 साल की उम्र के बच्चे ये सब देख सकते हैं। क्या आप इसे पसंद करेंगे यदि आपकी छोटी बेटी इसे देखे? मुझे लगता है कि ओटीटी पर कंटेंट की जांच होनी चाहिए। जितना साफ होगा कंटेंट, उतना बेहतर होगा, व्यूअरशिप उसकी ज्यादा होगी।''

क्या होती है सेंसरशिप?

दरअसल, भारत में जब भी थिएटर में कोई फिल्म रिलीज होती है, तो वह रिलीज से पहले सेंसर बोर्ड के पास रिव्यू होने के लिए जाती है। अगर फिल्म में कोई गंदगी नहीं होती है, तो उसे ग्रीन टिक दिया जाता है और अगर उसमें थोड़े-बहुत अडल्ट सीन होते हैं, तो उसे अडल्ड फिल्म का सर्टिफिकेट दिया जाता है और अगर किसी फिल्म में हद से ज्यादा आपत्तिजनक कंटेंट होता है, तो उसे रिलीज होने नहीं दिया जाता है यानी उस फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं मिलता, जिस वजह से वह बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो सकती है। इसी तरह से अगर ओटीटी पर भी सरकार सेंसरशिप लगाती है, तो ओटीटी पर आने वाले सभी कंटेंट पर भी यही सेम नियम लागू होंगे। मतलब हद से ज्यादा अश्लीलता और गाली-गलौच वाले कंटेंट को ओटीटी पर रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।

मेरे विचार....

देखिए अगर सलमान खान की बात करें, तो उन्होंने भी कुछ गलत नहीं कहा है और वर्धन पुरी की बात को सुना जाए तो वह भी अपनी जगह सही हैं, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आजकल व्यूअरशिप के लिए किसी भी तरह का कंटेंट ओटीटी पर रिलीज कर दिया जाता है, जो एक तरह से सही नहीं है। हम सभी जानते हैं कि आजकल छोटे-छोटे बच्चे यानी 5 से 6 साल तक के बच्चे भी फोन का इस्तेमाल करना बहुत अच्छे से जानते हैं। ऐसे में अगर वह इस तरह के कंटेंट देखते हैं, तो यह सही नहीं है। हम वर्धन की बात का भी सम्मान करते हैं कि किसको क्या देखना वह उसे समझने में सक्षम है, लेकिन एक छोटा-सा बच्चा ये नहीं जानता कि जो वो देख रहा है वो क्या है, क्या उसे वो देखना चाहिए?

वैसे, आपके इस पर क्या विचार है? क्या लगता है आपको क्या सलमान खान की डिमांड सही है या फिर उनके इस डिमांड का विरोध करना सही है? हमें कमेंट में जरूर बताएं।



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Ruchi Jha

Ruchi Jha

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