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खुशखबरी: अब चीन छोड़ भारत आएगी Apple इंक, मिलेगा रोजगार
चीन से कोरोना वायरस की महामारी की शुरूआत होने के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनियां चीनी मार्केट से निकलने की तैयारी में जुटी गई हैं। इस क्रम में iPhone बनाने वाली कंपनी एप्पल इंक (Apple Inc.) भी अब प्रोडक्शन क्षमता का 20 पर्सेंट भारत में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली: चीन से कोरोना वायरस की महामारी की शुरूआत होने के बाद कई मल्टीनेशनल कंपनियां चीनी मार्केट से निकलने की तैयारी में जुटी गई हैं। इस क्रम में iPhone बनाने वाली कंपनी एप्पल इंक (Apple Inc.) भी अब प्रोडक्शन क्षमता का 20 पर्सेंट भारत में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। साथ ही कंपनी अगले 5 सालो के अंदर कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स (Contract Manufacturers) के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग रेवेन्यू (Manufacturing revenue) को बढ़ाकर 40 अरब डॉलर यानि भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 3 लाख करोड़ रुपये करना चाहती है।
अधिकारियों के बीच हुईं कई बैठक
इसे लेकर बीते कुछ महीनों में एप्पल के सीनियर एग्जिक्युटिव्स और अन्य सीनियर अधिकारियों के बीच कई बैठकें भी हुई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कंपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को इंडिया में Wistron और Foxconn के माध्यम से बढ़ाकर 40 अरब डॉलर तक कर लेगी।
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PLI योजना के तहत प्रोत्साहन राशि लेने की योजना
वहीं इस Production का एक बड़ा हिस्सा निर्यात किया जाएगा। अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है कि Apple इसके लिए Production linked incentive यानि PLI योजना के तहत प्रोत्साहन राशि (Incentives) भी लेगी।
PLI योजना में अड़चन
इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि सरकार की महत्वकांक्षी Production linked incentive योजना में कुछ कमियां हैं। बता दें कि हाल ही में केंद्र का मोदी सरकार ने हैंडसेट मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के बारे में एलान किया था।
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PM मोदी ने अधिकारियों के साथ की थी बैठक
कंपनी के अधिकारी लगातार इस स्कीम से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए लगे हुए हैं। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कि देश में हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसबंर 2019 में एप्पल (Apple), सैमसंग (Samsung) और लावा (Lava) कंपनी के सीनियर अधिकारियों से बैठक भी की थी।
चीन से बाहर डाइवर्सिफाई करना चाहती है प्रोडक्शन
एक अन्य अधिकारी का कहना है कि एप्पल भारत को मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बेस बनाना चाहती है ताकि वो अपने प्रोडक्शन को चीन से बाहर डाइवर्सिफाई कर सके। वहीं अगर भारत में एप्पल की बिक्री की बात की जाए तो यह करीब 1.5 अरब डॉलर का है। जबकि चीन में यह तकरीबन 220 अरब डॉलर का है।
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