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Google का 21वां बर्थडे! इसलिए झेलनी पड़ी थीं कई आलोचनाएं
यहां तक कि उपयोगकर्ता के कम्प्यूटर में फाइलों की खोज के लिए गूगल ने गूगल डेस्कटॉप विकसित किया। गूगल की खोज में सबसे हाल ही की गतिविधि संयुक्त राज्य पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से साझेदारी की है, जिससे पेटेंट और ट्रेडमार्क के बारे में जानकारी मुफ़्त में उपलब्ध होगी।
नई दिल्ली: सर्च इंजन गूगल का आज 21वां जन्मदिन है। ऐसे में गूगल ने खास डूडल बना रहा है। डूडल के जरिये गूगल ने अपनी 20 साल की इस यात्रा दिखाई है। डूडल में गूगल ने एक पुराना कम्प्यूटर दिखाया है। इसमें एक धुंधली सी फोटोग्राफ है, जिसके इस कैरिकेचर में उस दौर के एक कम्प्यूटर के अलावा माउस और प्रिंटर भी नजर आ रहा है।
इस तरह शुरू हुआ था गूगल
गूगल की शुरुआत 1996 में एक रिसर्च परियोजना के दौरान लैरी पेज़ तथा सर्गेई ब्रिन ने की थी। उस वक्त लैरी और सर्गी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में पीएचडी के छात्र थे। उस समय, पारम्परिक सर्च इंजन सुझाव (रिजल्ट) की वरीयता वेब-पेज पर सर्च-टर्म की गणना से तय करते थे, जब कि लैरी और सर्गेई के अनुसार एक अच्छा सर्च सिस्टम वह होगा जो वेबपेजों के ताल्लुक का विश्लेषण करे।
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इस नए तकनीक को उन्होंने पेजरैंक (PageRank) का नाम दिया। इस तकनीक में किसी वेबसाइट की प्रासंगिकता/योग्यता का अनुमान, वेबपेजों की गिनती, तथा उन पेजों की प्रतिष्ठा, जो आरम्भिक वेबसाइट को लिंक करते हैं के आधार पर लगाया जाता है।
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1996 में आईडीडी इन्फ़ोर्मेशन सर्विसेस के रॉबिन ली ने “रैंकडेक्स” नामक एक छोटा सर्च इंजन बनाया था, जो इसी तकनीक पर काम कर रहा था। रैंकडेक्स की तकनीक को ली ने पेटेंट करवा लिया और बाद में इसी तकनीक पर उन्होंने बायडु नामक कम्पनी की चीन में स्थापना की। पेज और ब्रिन ने शुरुआत में अपने सर्च इंजन का नाम “बैकरब” रखा था, क्योंकि यह सर्च इंजन पिछली कड़ियां (backlinks) के आधार पर किसी साइट की वरीयता तय करता था।
इन लोगों ने रखा था Google नाम
अंततः, पेज और ब्रिन ने अपने सर्च इंजन का नाम गूगल (Google) रखा। गूगल अंग्रेज़ी के शब्द ‘गूगोल’ की गलत वर्तनी है, जिसका मतलब है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों। नाम ‘गूगल’ इस बात को दर्शाता है कि कम्पनी का सर्च इंजन लोगों के लिए जानकारी बड़ी मात्रा में उपलब्ध करने के लिए कार्यरत है।
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अपने शुरुआती दिनों में गूगल स्टैनफौर्ड विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अधीन google.stanford.edu नामक डोमेन से चला। गूगल के लिए उसका डोमेन नाम 15 सितंबर 1997 को पंजीकृत हुआ। सितंबर 4, 1998 को इसे एक निजी-आयोजित कम्पनी में निगमित किया गया। कंपनी का पहला कार्यालय सुसान वोज्सिकि (उनकी दोस्त) के गराज मेनलो पार्क, कैलिफोर्निया में स्थापित हुआ। क्रेग सिल्वरस्टीन व एक साथी पीएचडी छात्र कम्पनी के पहले कर्मचारी बनें।
Google को कई बार झेलनी पड़ी आलोचना
Google सर्च, एक वेब खोज इंजन, कम्पनी की सबसे लोकप्रिय सेवा है। नवम्बर 2009 में कॉमस्कोर (comScore) द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गूगल संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बाजार में प्रमुख खोज इंजन है, जिसकी बाज़ार में 65.6% की हिस्सेदारी है। गूगल अरबों वेब पृष्ठों को अनुक्रमित करता है, ताकि उपयोगकर्ता, खोजशब्दों और प्रचालकों (ऑपरेटरों) के प्रयोग के माध्यम से सही जानकारी की खोज कर सके। इसकी लोकप्रियता के बावजूद, गूगल सर्च को कई संगठनों से आलोचना मिली है।
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2003 में, न्यूयॉर्क टाइम्स ने गूगल अनुक्रमण के बारे में शिकायत की, उसने अपने साइट के सामग्री की गूगल कैशिंग को उस सामग्री पर लागू उनके कॉपीराइट का उल्लंघन बताया। इस मामले में नेवादा के संयुक्त राज्य जिला न्यायालय ने फील्ड बनाम गूगल और पार्कर बनाम गूगल का फैसला गूगल के पक्ष में सुनाया। इसके अलावा, प्रकाशन 2600: द हैकर क्वार्टर्ली ने उन शब्दों की एक ऐसी सूची तैयार की है जिनमें इस दिग्गज कम्पनी की नयी त्वरित खोज सुविधा खोज नहीं करेगी।
Google पर लगा ये आरोप
गूगल वॉच ने गूगल पेजरेंक एल्गोरिथम की आलोचना करते हुए कहा कि यह नयी वेबसाइटों के खिलाफ़ भेदभाव और स्थापित साइटों के पक्ष में है और गूगल और एनएसए और सीआईए के बीच सम्बन्ध होने का आरोप लगाया। आलोचना के बावजूद, बुनियादी खोज इंजन विशिष्ट सेवाओं, जैसे कि छवि खोज इंजन, गूगल समाचार खोज साइट, गूगल नक्शा और अन्य सहित फैल गया है।
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2006 की शुरूआत में कम्पनी ने गूगल वीडियो का शुभारम्भ किया, जिसका प्रयोग उपयोगकर्ता इंटरनेट पर वीडियो अपलोड, खोज और देखने के लिए कर सकते हैं। 2009 में तथापि, खोज सेवा के पहलु पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गूगल ने गूगल वीडियो में अपलोड की सेवा बन्द कर दी।
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यहां तक कि उपयोगकर्ता के कम्प्यूटर में फाइलों की खोज के लिए गूगल ने गूगल डेस्कटॉप विकसित किया। गूगल की खोज में सबसे हाल ही की गतिविधि संयुक्त राज्य पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से साझेदारी की है, जिससे पेटेंट और ट्रेडमार्क के बारे में जानकारी मुफ़्त में उपलब्ध होगी।