×

भारत में 10 लाख लोग फेफड़े के सिकुड़ने की बीमारी से ग्रस्त

भारत में करीब 10 लाख लोग फेफड़े के सिकुड़ने की बीमारी (आईएलडी) से ग्रस्त हैं। आईएलडी लगभग 200 बीमारियों का समूह है। जिसे लोग अस्थमा, तथा टीबी समझ लेते हैं। इसे आम बोलचाल की भाषा मे फेफड़े की सिकुड़ने की बीमारी कहते हैं।

Aditya Mishra
Published on: 20 May 2019 3:06 PM GMT
भारत में 10 लाख लोग फेफड़े के सिकुड़ने की बीमारी से ग्रस्त
X

लखनऊ: भारत में करीब 10 लाख लोग फेफड़े के सिकुड़ने की बीमारी (आईएलडी) से ग्रस्त हैं। आईएलडी लगभग 200 बीमारियों का समूह है। जिसे लोग अस्थमा, तथा टीबी समझ लेते हैं। इसे आम बोलचाल की भाषा मे फेफड़े की सिकुड़ने की बीमारी कहते हैं।

वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के करीब 50 लाख मरीज हैं। यह जानकारी सोमवार को केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने दी।

ये भी पढ़ें...इन लक्षणों से लगाएं पता, कहीं इस बीमारी की गिरफ्त में आप भी तो नहीं ?

इन्डियन चेस्ट सोसाइटी (यूपी चैप्टर) किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग और लखनऊ चेस्ट क्लब के संयुक्त प्रयास से सोमवार को एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें देश के प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने भाग लिया।

डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि आईएलडी के प्रमुख लक्षण सांस फूलना तथा सूखी खांसी आना है। इस बीमारी का प्रमुख कारण धूम्रपान, पर्यावरण प्रदूषण, पशु पक्षियों के पास रहना (एक्पोजर) आदि है। डॉ. सूर्यकान्त ने इस बीमारी के होने के बाद मरीजो के रिहैबलिटेषन (पुर्नवास) पर प्रमुखता से प्रकाश डाला।

ये भी पढ़ें...NO TOBACCO DAY: धूम्रपान है मौत का समान, ऐसे करें बचाव

इसी क्रम में मेंटो हास्पिटल नोएडा के निदेशक डॉ. दीपक तलवार ने आईएलडी के आधुनिक उपचार तथा आधुनिक दवाइयों के बारे में विस्तार से बताया। इन्डियन चेस्ट सोसाइटी (यूपी चैप्टर) के सचिव डॉ. एके सिंह ने आईएलडी के कारण तथा उनके निवारण के बारे मे अपने विचार व्यक्त किये।

एसजीपीजीआई लखनऊ से आये डॉ. आलोक नाथ ने आईपीएफ के वर्तमान निदान पर प्रमुखता से प्रकाश डाला। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्से से इस कार्यक्रम मे आये कई अन्य डॉक्टरो जैसे डॉ. रितु कुलश्रेष्ठ, डॉ. मालविका गोयल, डॉ. राजेश गोथी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमएलबी भटट ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

ये भी पढ़ें... ‘भारत के मन की बात’ का मुख्य उद्देश्य है मजबूत भारत, मन का भारत: जेपी नड्डा

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story