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Medical miracle: डॉक्टरों ने किया चमत्कार, गर्भ के अंदर की गई बच्ची की सफल ब्रेन सर्जरी
Medical miracle: अमेरिका के बोस्टन में डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिखाया है। डॉक्टरों ने मां के गर्भ में ही बच्ची की ब्रेन सर्जरी करने में सफलता हासिल की है।
Medical miracle: अमेरिका के बोस्टन में डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिखाया है। डॉक्टरों ने मां के गर्भ में ही बच्ची की ब्रेन सर्जरी करने में सफलता हासिल की है। दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है, जब डॉक्टरों ने बच्ची के जन्म से पहले मां के पेट में ही उसकी ब्रेन सर्जरी की है। इस सर्जरी की कहानी इस साल मई में स्ट्रोक जर्नल में पब्लिश हुई थी।
बच्ची को थी ये बीमारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बच्ची का नाम डेनवर कोलमैन है। जिसे गैलेन मालफॉर्मेशन नाम की बीमारी थी। इसी क्रम में बच्ची का तुरंत ऑपरेशन किया गया, जो सफल रहा। अब बच्ची खतरे से बाहर है। अगर ऑपरेशन सही समय पर नहीं किया जाता तो, जन्म के दौरान या बाद में बच्ची की मौत हो सकती थी। डॉक्टरों का कहना है कि अगर ये ऑपरेशन नहीं होता, तो बच्ची का दिल काम करना बंद कर सकता था या उसे स्ट्रोक की समस्या आ सकती थी, जिससे उसकी जान चली जाती है।
इस ऑपरेशन को 10 डॉक्टरों ने मिलकर किया था। इस ऑपरेशन में अल्ट्रासोनोग्राफी के जरिए एक लंबी सुई मां के पेट तक पहुंचाई और फिर इस सर्जरी को किया गया था। इस ऑपरेशन को 10 डॉक्टरों ने मिलकर किया था। इस ऑपरेशन में अल्ट्रासोनोग्राफी के जरिए एक लंबी सुई मां के पेट तक पहुंचाई और फिर इस सर्जरी को किया गया था।
क्या होती है ये बीमारी
रिपोर्ट के मुताबिक, जब 34 साल की महिला 30 हफ्ते की प्रेगनेंट थी, तभी गर्भ में पल रही बच्ची गैलन मालफॉर्मेशन नाम की बीमारी हो गई थी। इस बीमारी में 11 साल से कम उम्र में बच्चे की मौत की 30% तक आशंका रहती है। ये बीमारी करीब 60 हजार बच्चों में से किसी एक को होती है। इस बीमारी में ब्रेन से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली नसें विकसित नहीं होती है। जिसके कारण ब्रेन की धमनियां खून को नसों की बजाय शिराओं में प्रवाहित करती है। इससे हार्ट में रक्त भर जाता है। जिससे खतरनाक हाई ब्लड प्रेशर बन जाता है।
बीमारी के साथ पैदा होते हैं बच्चे
डॉक्टरों के मुताबिक, अल्ट्रासाउंड में सामने आया है कि गर्भ में पल रही इस बच्ची को ये रेयर बीमारी है। इसके बाद बोस्टन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में तुरंत डॉक्टरों ने बच्ची का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। डॉ. डैरेन ओरबैक ने बताया है कि ऑपरेशन के बाद से बच्ची में सुधार नजर आ रहा है। उसका वजन भी बढ़ रहा है। उसके दिमाग में भी कोई निगेटिव इफेक्ट्स नहीं हैं। उन्होंने बताया कि हर साल 10-12 बच्चे इस तरह की बीमारी के साथ जन्म लेते हैं। जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है।