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Effect of Heat: भीषण गर्मी से पड़ रहा दिमाग पर असर

Effect of Heat: अध्ययनों के अनुसार बढ़ते तापमान मानसिक थकान, आक्रामकता और आत्महत्या दर से लेकर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जुड़े हुए हैं। शोध से ये भी पता चलता है कि गर्म मौसम पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के लिए स्थितियों को और खराब कर सकता है।

Neel Mani Lal
Published on: 22 May 2023 10:39 PM IST
Effect of Heat: भीषण गर्मी से पड़ रहा दिमाग पर असर
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भीषण गर्मी से पड़ रहा दिमाग पर असर: Photo- Social Media

Lucknow: मौसम हमारे मूड, स्वभाव, अवसाद, व्यक्तित्व और दृष्टिकोण को प्रभावित करता है। जबकि हल्का गर्म तापमान सुखद हो सकता है, वहीं गर्म तापमान बढ़ने से लोग एंग्जायटी से परेशान हो सकते हैं तथा आक्रामक हो सकते हैं।

अध्ययनों के अनुसार बढ़ते तापमान मानसिक थकान, आक्रामकता और आत्महत्या दर से लेकर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों जुड़े हुए हैं। शोध से ये भी पता चलता है कि गर्म मौसम पहले से ही मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के लिए स्थितियों को और खराब कर सकता है। बाइपोलर डिसऑर्डर के रोगियों में रिलैप्स को ट्रिगर कर सकता है और यहां तक कि सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों की मृत्यु भी हो सकती है।

वैज्ञानिक कारण

भीषण गर्मी में आक्रामकता और हिंसक व्यवहार के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। द एसोसिएशन फॉर साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने पर लोगों के चिड़चिड़े होने और आक्रामक व्यवहार करने या हिंसक घटना होने की संभावना अधिक होती है। अत्यधिक गर्मी के दौरान मानसिक दुष्प्रभाव क्यों पड़ते हैं, इसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि रात के समय का तापमान भी बढ़ जाता है, जिससे नींद खराब होती है जो मानसिक तनाव में योगदान देती है। विशेष रूप से सिज़ोफ्रेनिया के इतिहास वाले लोग अपनी खुद की शारीरिक स्थिति से अवगत नहीं हो सकते हैं, भले ही यह जानलेवा हो। अगर कोई व्यक्ति 50 डिग्री सेल्सियस गर्म कमरे में है और उसे अपने जोखिम का अहसास नहीं है तो ये जानलेवा स्थिति है।

शोध बताते हैं कि गर्मी और धूप मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। दरअसल, गर्मी के कारण लगातार पसीना निकलने से लोगों में पानी की कमी हो जाती है और ये लोगों को अधिक थका हुआ और चिड़चिड़ा बना देती है। तापमान का उतार-चढ़ाव मूड को बदल सकता है और इससे शरीर में कई समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।

- पानी की कमी से ब्लड सर्कुलेशन और मेटाबोलिज्म खराब हो सकता है।
- गर्मी और पानी की कमी से ब्लड वेसेल्स पर दबाव पड़ सकता है जो कि हाई बीपी का कारण बन सकती है।



Neel Mani Lal

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