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बड़े काम की बात: बच्चों को दें यौन शिक्षा की जानकारी, इनका रखें ख्याल

भारत में आज भी यौन शिक्षा के बारे में बात करने से लोग कतराते है। टीवी पर दिए विज्ञापनों को देख कर जहां बच्चों में मन में कई सवाल आते है वही माता पिता इस विषय पर कुछ भी बोलने से हिचकिचाते है।

Monika
Published on: 26 Aug 2020 7:58 AM GMT
बड़े काम की बात: बच्चों को दें यौन शिक्षा की जानकारी, इनका रखें ख्याल
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People in India still shy away from talking about sex education.

भारत में आज भी यौन शिक्षा के बारे में बात करने से लोग कतराते है। टीवी पर दिए विज्ञापनों को देख कर जहां बच्चों में मन में कई सवाल आते है, वही माता पिता इस विषय पर कुछ भी बोलने से हिचकिचाते है। छोटी उम्र में यौन संबंधित कई सवाल बच्चों के मन में आते है। अगर छोटी उम्र में ही इन सवालों का सही जवाब न मिले तो बढ़ती उम्र में कई बच्चे गलत कदम उठा लेते है। अक्सर देखा गया है जब बच्चे मां बाप से पूछते है कि उनका जन्म कैसे हुआ तो , उनके इस सवाल को टाल दिया जाता है।

बच्चों को यौन शिक्षा देने के प्रति हर माता-पिता को जागरूक होना चाहिए। कई माता-पिता इसे लेकर सकारात्मक कदम भी उठाते हैं, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि आखिर कैसे यौन संबंधों के बारे में खुलकर बच्चों से बात की जाए या किस प्रकार से बच्चों को इस बारे में शिक्षित किया जाए। इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स..

mom son

विशेषज्ञों के मुताबिक

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक सही उम्र में और सही तरीके से सेक्स की शिक्षा देना बच्चों के लिए बेहद जरूरी होता है। इसकी शुरुआत बच्चे की चार या पांच साल की उम्र से की जा सकती है। छोटी उम्र में बच्चों को उनके प्राइवेट पार्टस् के बारे में जानकारी दें। उन्हें शरीर के नाम के साथ प्राइवेट पार्ट्स के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए। गुड टच और बेड टच के बारे में भी बताना चाहिए।

kid

8 साल के बच्चों के लिए ज़रूरी

आठ साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चे इन दिनों काफी समझदार होने लगे हैं। टीवी, इंटरनेट देखकर भी काफी कुछ समझने लगते हैं। कई बार इन तमाम माध्यमों से गलत जानकारी भी मिल जाती है। इसलिए बच्चों की यौन गतिविधियों पर नजर रखने के साथ उन्हें सही जानकारी देने की जिम्मेदारी भी माता-पिता की होती है।

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mom daughter

10-13 साल की उम्र

10 साल की उम्र तक बच्चा पढ़ना-लिखना जानने लगता है और अपने आसपास की गतिविधियों से भी जागरुक हो जाता है। इस दौरान बच्चों में कुछ शारीरिक परिवर्तन भी होने लगते हैं. लड़के हो या लड़कियां, दोनों ही मामले में माता-पिता को इस दौरान ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। गलत संगत से जीवन भी तबाह हो सकता है, इसलिए अब माता-पिता को अपने बच्चों से यौन संबंधों के बारे सहज होकर बात करना चाहिए। रोजमर्रा की समाचार-पत्रों में छपने वाली दुष्कर्म की घटनाओं के बारे में भी नाश्ते या चाय के दौरान परिवार के बात करनी चाहिए ताकि बच्चा भी सुनकर इसके प्रति सतर्क रहे।

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15 साल में बच्चे की वैचारिक क्षमता विकसित

15 साल की उम्र तक बच्चे काफी समझदार हो जाते हैं। इस उम्र में उनकी अपनी वैचारिक क्षमता भी विकसित हो जाती है। ऐसे में बच्चों की सोच को समझने के साथ ही उन्हें समझाना चाहिए। बच्चों को बताएं कि सेक्स करना किस उम्र में सही होता है। myUpchar के अनुसार, इसी उम्र में बच्चों को यौन संबंधों से होने वाली बीमारियों, एचआईवी, एटीडी के बारे में बताया जाना चाहिए।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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