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Kandmool Fruit Benefits: कंदमूल है गुणों की खान, भगवान श्रीराम ने इसे खा कर काटा था वनवास, जानें इसके फायदे

Kandmool Fruit Benefits: "कंदमूल फल" हिंदी का शब्द है जिसका अनुवाद "भूमिगत फल" या "कंदयुक्त फल" होता है। ये वे फल हैं जो जमीन की सतह के नीचे उगते हैं, आमतौर पर पौधों की जड़ों से जुड़े होते हैं।

Preeti Mishra
Published on: 8 Aug 2023 2:20 PM IST
Kandmool Fruit Benefits: कंदमूल है गुणों की खान, भगवान श्रीराम ने इसे खा कर काटा था वनवास, जानें इसके फायदे
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Kandmool Fruit Benefits (Image: Social Media)

Kandmool Fruit Benefits: हम सबने ने अपने जीवन में कंदमूल शब्द तो सुना ही होगा। जी हाँ ये वही फल है जिसे ऋषि, मुनि खा कर ना सिर्फ जिन्दा रहते हैं बल्कि स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त भी रहते हैं। कहा जाता है कि यह वही फल है जिसे खा कर भगवन राम, माता सीता और लक्ष्मण ने 14 साल का वनवास काटा था। माना जाता है कि आज भी वनों में रहने वाले ऋषि-मुनि यही कंदमूल कह कर जिन्दा रहते हैं।

क्या है कंदमूल? (What is Kandmool Fruit)

"कंदमूल फल" हिंदी का शब्द है जिसका अनुवाद "भूमिगत फल" या "कंदयुक्त फल" होता है। ये वे फल हैं जो जमीन की सतह के नीचे उगते हैं, आमतौर पर पौधों की जड़ों से जुड़े होते हैं। इस प्रकार के फलों को "कंदयुक्त सब्जियाँ" या "जड़ वाली सब्जियाँ" के रूप में भी जाना जाता है। वे खाद्य पौधों की एक सामान्य श्रेणी हैं जिनका उपयोग अक्सर उनकी पोषक सामग्री के कारण खाना पकाने में किया जाता है।

कंदमूल फल के प्रकार (Types of Kandmool Fruits)

कंदमूल फल या कंदीय फलों में आलू सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है। शकरकंद एक और लोकप्रिय कंद है जो विभिन्न किस्मों और रंगों में आता है। वे विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। गाजर मूसला जड़ें हैं, जिसका अर्थ है कि वे पौधे की खाने योग्य जड़ें हैं। चुकंदर अपने चमकीले लाल रंग के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग नमकीन और मीठे दोनों व्यंजनों में किया जाता है।

वहीँ शलजम गोल जड़ वाली सब्जियां हैं जिनका उपयोग खाना पकाने में किया जाता है, अक्सर साइड डिश के रूप में या स्टू में। इसके अलावा कसावा, रतालू, और तारो भी कंदमूल की श्रेणी में ही आते हैं। कसावा, जिसे युका के नाम से भी जाना जाता है, एक स्टार्चयुक्त कंद है जो कई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मुख्य है। जबकि रतालू कंदयुक्त सब्जियां हैं जिन्हें अक्सर शकरकंद समझ लिया जाता है। वहीँ तारो एक जड़ वाली सब्जी है जिसका व्यापक रूप से एशियाई और प्रशांत द्वीपीय व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसे उबाला जा सकता है, भाप में पकाया जा सकता है या विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

कंदमूल फल के फायदे (Benefits of Kandmool Fruits)

कंदमूल फल अपनी पोषण सामग्री के कारण कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। हालांकि लाभ विशिष्ट प्रकार की कंदीय सब्जी और उसके पोषक तत्वों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, यहां एक सामान्य अवलोकन दिया गया है कि ये सब्जियां शरीर के विभिन्न हिस्सों को कैसे लाभ पहुंचा सकती हैं:

पाचन तंत्र: कंदयुक्त सब्जियां आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जो स्वस्थ पाचन का समर्थन करती हैं और कब्ज को रोकने में मदद करती हैं। इन सब्जियों में फाइबर सामग्री नियमित मल त्याग को बढ़ावा दे सकती है और स्वस्थ आंत माइक्रोबायोम में योगदान कर सकती है।

हार्ट के लिए लाभप्रद: कुछ कंदीय सब्जियाँ, जैसे शकरकंद और आलू, पोटेशियम से भरपूर होती हैं, एक खनिज जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करके हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करता है।

इम्यून सिस्टम: कई कंदीय सब्जियों में विटामिन सी जैसे विटामिन और जिंक जैसे खनिज होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्किन हेल्थ: शकरकंद, गाजर और अन्य संतरे के गूदे वाले कंदों में बीटा-कैरोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जो विटामिन ए का अग्रदूत है। विटामिन ए त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने और स्वस्थ रंगत को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

आई हेल्थ: बीटा-कैरोटीन आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है और अच्छी दृष्टि का समर्थन कर सकता है। गाजर, शकरकंद और नारंगी या पीले रंग वाले अन्य कंद विशेष रूप से बीटा-कैरोटीन से भरपूर होते हैं।

हड्डी होती है मजबूत: कुछ कंदीय सब्जियों में कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिज होते हैं, जो मजबूत हड्डियों और समग्र हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।



Preeti Mishra

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