सावधान! डिप्रेशन होने लगा है मौत की वजह, यहां जानें लक्षण, ऐसे करें इलाज

डिप्रेशन, तनाव या कहे अवसाद  सुनने में नॉर्मल सी बात लगती है, लेकिन जब उसके शिकार हम होते हैं तो फिर समझ नहीं आता कि हम क्या करें, क्या नहीं करें। इस  बीमारी से  कोई भी अछूता नहीं रह पाता है। बॉलीवुड के कई स्टार डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं। 

suman
Published on: 14 Jun 2020 5:47 PM GMT
सावधान! डिप्रेशन होने लगा है मौत की वजह, यहां जानें लक्षण, ऐसे करें इलाज
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लखनऊ : बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर सुशांत सिंह राजपुत ने आत्महत्या कर ली है। इसके पीछे वजह उनका डिप्रेशन में होना था बताया जा रहा है। डिप्रेशन, तनाव या कहे अवसाद सुनने में नॉर्मल सी बात लगती है, लेकिन जब उसके शिकार हम होते हैं तो फिर समझ नहीं आता कि हम क्या करें, क्या नहीं करें। इस बीमारी से कोई भी अछूता नहीं रह पाता है। बॉलीवुड के कई स्टार डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं। कई ऊबर गए तो कई ने सुसाइड का रास्ता अखतियार कर लिया,इससे निजात पाने के लिए। वैसे भी इसके शिकार के लोग ज्यादातर सुसाइड ही करते हैं जो सही नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, डिप्रेशन तीन तरह के होते हैं- माइल्ड, मॉडरेट और मेजर। इनसे निपटने का ढ़ंग भी अलग-अलग होता है।

*माइल्ड डिप्रेशन से हर कोई पीड़ित हो सकता है। प्यार में धोखा मिलने पर उदास या भावुक होना इसके लक्षण हैं। ये कुछ घंटों या दिनों का होता है और इससे निपटने के लिए साइकोथेरेपी या मेडिकल की जरूरत होती है।

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*मॉडरेट डिप्रेशन दो हफ्तों से ज्यादा हो सकता है। इसमें व्यक्ति को भूख नहीं लगती है और वो बहुत सोता है। ये काउंसलिंग से सही किया जा सकता है।

*मेजर डिप्रेशन में व्यक्ति नाकारा हो जाता है। वो जीवन से मोह त्याग लेता है। वो काम पर जाना, खानापीना छोड़ना, नहीं सोना या लंबे समय तक सोने लगता है। सबसे बड़ी बात इसमें व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास भी कर सकता है। इसके लिए इलाज के साथ दवा लेना बहुत जरूरी है। दवाओं से कुछ आराम मिलता है, लेकिन छोड़ने के बाद स्थिति जस की तस हो जाती है।

इससे निपटने के लिए डॉक्टरों ने ए डोज ऑफ हैप्पीनेस प्रोग्राम चलाया है, इस प्रोग्राम में कुछ एक्टिविटी से लोगों को डिप्रेशन से बाहर निकाला जाता है।

डिप्रेशन के लक्षण – उदासी, अकेलापन, बहुत ज्यादा गुस्सा, अगर आपको याद नहीं कि आप आखिरी बार खुश कब थे। बिस्तर से उठने या नहाने जैसी डेली रुटीन की चीजें भी आपको टास्क लगती हैं। आप लोगों से कटने लगे हैं। आप खुद से नफरत करते हैं और अपने आप को खत्म कर लेना चाहते हैं। महसूस हो कि कुछ भी ठीक नहीं हो रहा। ज्यादातर समय सिरदर्द रहना।

कारण - माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव, शिक्षा और रोजगार का दबाव, पारिवारिक समस्याएं, रिलेशनशिप की समस्याएं, हॉर्मोन्स में बदलाव और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होना। किसी काम में अगर उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिले या वह काम बिगड़ जाए। कर्ज में डूबने की स्थिति में भी व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है।

इस तरह करें इलाज

*ग्रुप में रहे: डॉक्टरों का कहना है कि डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ समय बिताना चाहिए। लोगों से बचना नहीं चाहिए, बल्कि उनके साथ मिलाप बढ़ाना चाहिए। इससे आपको धीरे-धीरे ठीक होने में मदद मिलती है।

*मस्ती करो: जीवन में मजे करो। वो करो जिससे तुम्हे खुशी मिलती है। अगर आप खाना बनाना पसंद करते हैं, तो अपने लिए कुछ अच्छा बनाएं। पेंटिंग पसंद है तो वो करो।

*काम में बिजी हो जाओ: कई लोग काम तो करते हैं, लेकिन बेमन करते हैं, दरअसल आपके काम में आपका जुनून साफ नजर आना चाहिए। कोई भी काम मन लगाकर करो।

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*एक्सरसाइज करो: स्वास्थ्य ही धन है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए फिजिकली फिट रहने के जरूरत है। इसके लिए रोजाना एक्सरसाइज करें। इससे खुशी वाले हार्मोन जारी होते हैं, जिससे आप अच्छा महसूस करते हैं।

*मेडिटेशन करो: शांति पाने के लिए आपको ध्यान लगाने की जरूरत होती है। इसके लिए आप किसी भी तरह के मेडिटेशन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे दिमाग शांत होगा और आपको डिप्रेशन से लड़ने में मदद मिलेगी।

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