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कोरोना के तेजी से फैलने की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 12 बजे के बाद से पूरे देश में लॉक डाउन कर दिया है। लेकिन ये लॉक डाउन केवल भारत में नहीं हुआ है। दुनिया के तमाम देशों में कोरोना के खतरे का मुकाबला करने के लिए हुआ है।
नई दिल्लीः कोरोना के तेजी से फैलने की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 12 बजे के बाद से पूरे देश में लॉक डाउन कर दिया है। लेकिन ये लॉक डाउन केवल भारत में नहीं हुआ है। दुनिया के तमाम देशों में कोरोना के खतरे का मुकाबला करने के लिए हुआ है। इसका बड़ा कारण ये है कि इटली के हालात आज वुहान से भी बुरे हो चुके हैं।
इटली में कोरोना के जितने मामले जानकारी में आए हैं इनकी वास्तविक संख्या इन आंकड़ों से बहुत अधिक दस गुना तक ज्यादा हो सकती है। और स्थिति इतनी भयावह न होती तो चीन, इटली अपने यहां लॉक डाउन क्यों करते। यूएई लॉकडाउन की तैयारी में है। नेपाल जैसे छोटे पड़ोसी देश में मंगलवार सुबह से ही सात दिनों के लिए लॉकडाउन है। बांग्लादेश ने गुरुवार से चार अप्रैल तक सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है।
किसी दिन दुनिया में पीड़ितों की संख्या घटती है तो अगले दिन ही बेतहाशा बढ़ जाती है। इटली में मृतकों की संख्या दो दिन बाद मंगलवार को अचानक बढ़ गई। घातक कोरोना वायरस के चलते यहां एक दिन में और 743 की जान चली गई। मरने वालों का आंकड़ा 6,820 पर पहुंच गया। यह आशंका जताई जा रही है कि संक्रमितों का आंकड़ा वास्तविक संख्या से दस गुना ज्यादा हो सकती है।
एक लाख संक्रमित एक दिन में
ब्रिटेन में भी एक दिन में 87 लोगों की मौत हो गई, जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। वहां मरने वालों का आंकड़ा 422 हो गया है। दुनियाभर में मरने वालों की संख्या 17,225 हो गई है, जबकि, साढ़े चार लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। एक लाख संक्रमितों की संख्या केवल एक दिन में बढ़ी है।
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इटली संक्रमितों की संख्या 10 गुना ज्यादा होने की आशंका के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि टेस्ट सिर्फ उन्हीं का हो रहा है जो अस्पताल पहुंच रहे हैं। जबकि लाखों ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो संक्रमित हों, लेकिन उनका टेस्ट न हुआ हो।
प्रत्येक दस में से एक संक्रमित
इटली के सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के प्रमुख एंजिलो बोरेली का कहना है कि प्रत्येक 10 लोगों में एक व्यक्ति के संक्रमित होने का अनुपात विश्वसनीय है। इसी अनुपात को आधार माना जाए तो देश में 6 लाख 40 हजार लोग संक्रमित हो सकते हैं। जबकि इटली की आबादी छह करोड़ से कुछ ज्यादा है।
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इटली मास्क और वेंटीलेटर की कमी से जूझ रहा है। वह दूसरे देशों से स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को मंगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन रूस, रोमानिया, भारत और तुर्की जैसे देशों ने इनकी बिक्री को रोक रखा है। बोरेली ने कहा कि हम इन देशों में स्थित अपने दूतावासों के संपर्क में हैं, लेकिन हमें लगता है कि विदेशों से मास्क आदि नहीं पहुंच सकेंगे। महामारी ने इटली की अर्थव्यवस्था को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है।
ब्रिटेन में तीन सप्ताह का लॉक डाउन
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संक्रमण को रोकने के लिए तीन सप्ताह के लॉकडाउन का एलान किया है। सिर्फ जरूरी कर्मचारियों के लिए ट्रेनें चलाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
स्पेन में पिछले चौबीस घंटों में 514 लोगों की मौत हुई है। वहां पर मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 2,696 पर पहुंच गया है। एक ही दिन में 6,600 नए संक्रमण के मामले सामने आए हैं। संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 39,673 हो गई है।
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फिलीपींस की संसद ने भी देश में आपातकाल लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे राष्ट्रपति को आम लोगों की मदद के लिए कार्यक्रम चलाने का अधिकार मिल जाएगा। साथ ही क्वारंटाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का रास्ता भी साफ हो जाएगा। फिलीपींस में कोरोना से अब तक 35 लोगों की मौत हुई है और 552 संक्रमित हुए हैं।