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नशे की ज़द में युवा पीढ़ी! गांजा पीने से दूर होती हैं बीमारियां
आज की युवा पीढ़ी के बीच सिगरेट, गांजा, चरस, एलएसडी और नशीले पदार्थों का सेवन करना एक ट्रेंड सा बन गया है। वो बस अपने आपको इसमें डूबा हुआ ही पाना चाहते हैं।
शाश्वत मिश्रा
नई दिल्ली: भारत देश में नशा तेज़ी से फैला है और फैलता ही जा रहा है। लोगों को नशे की लत इस कदर लग जाती है कि वो इसके बिना रह ही नहीं पाते हैं। बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज़ और शहरों से लेकर, गांव के छोटे-छोटे घरों में नशे की आग़ोश में लोग ख़ुद को डूबा हुआ पाते हैं।
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आज की युवा पीढ़ी के बीच सिगरेट, गांजा, चरस, एलएसडी और नशीले पदार्थों का सेवन करना एक ट्रेंड सा बन गया है। वो बस अपने आपको इसमें डूबा हुआ ही पाना चाहते हैं। वह इसमें गोता लगाने का हर संभव प्रयास भी करते रहते हैं। उन्हें इसके सिवा किसी भी चीज़ का ख़्याल नहीं रहता है। वो नशे की बेड़ियों में जकड़े होने की वजह से ख़ुद की ज़िम्मेदारी से मुंह तक मोड़ लेते हैं। उनकी यही वजह उन्हें परिवार और लोगों से जुदा कर देती है।
गांजा पीने से यूं तो बहुत सारे नुकसान हैं और ज़्यादातर आर्टिकल्स में इसके नुकसान की ही बातें होती हैं। मगर हम इसमें आपको बताएंगे कि गांजा पीने से क्या-क्या फ़ायदे हो सकते हैं।
गांजा दूर करता है बीमारियों को
सुनने में थोड़ा-सा अटपटा महसूस होता है। ये बात शायद गले से निगलने में भी दिक्कत पैदा कर सकती है कि गांजा पीने से बीमारियां दूर हो सकती हैं, मगर ये बात सत्य है।
'नॉटिंघम यूनिवर्सिटी' की रिसर्च के अनुसार, गांजा पीने के कई फायदे होते हैं और ये गंभीर बीमारियों को ठीक करने में असरदार साबित होता है।
drugs (Photo by social media)
अनिद्रा और बेचैनी
गांजा पीने से अनिद्रा और बेचैनी की परेशानी पूरी तरह से दूर हो सकती है और ये अच्छी और गहरी नींद में बहुत फ़ायदा करता है। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी की रिसर्च में ये बात सामने आई थी।
दिमागी स्ट्रोक
गांजा दिमागी स्ट्रोक को रोकने में भी बहुत असरदार होता है। Tel Aviv यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, गांजा स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ हिस्सों में ही सीमित कर देता है। जिससे मस्तिष्क को नुकसान नहीं पहुंचता है।
हेपेटाइटिस सी
गांजा का सेवन करने से 'हेपेटाइटिस सी' नामक बीमारी से भी लड़ने में बहुत मदद मिलती है। इससे डिप्रेशन, थकान, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द जैसी बीमारियां दूर होती हैं। यूरोपियन जर्नल ऑफ गेस्ट्रोलॉजी एंड हेप्टोलॉजी के अनुसार, गांजे के इन फायदों को देखते हुए कई मरीजों का इलाज किया गया था। इसमें लगभग 86 फ़ीसदी मरीजों का इलाज सफल हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक गांजे ने हेपेटाइटिस सी के साइड इफेक्ट्स को भी कम किया है। दरअसल, गांजे में 'कैनाबिनॉएड्स पदार्थ' पाया जाता है, जो दिमाग को रिलैक्स महसूस कराता है। ये आराम महसूस दिलाने वाले दिमाग के हिस्से को कोशिकाओं से जोड़ता है। एक रिसर्च के अनुसार, गांजे में मिलने वाले तत्व मिर्गी के दौरे को भी टाल सकते हैं।
नर्वस डैमेज
कुछ लोगों के शरीर में उनका नर्वस सिस्टम सही से काम नहीं करता है। शुगर की वजह से उनके हाथ और पैरों में जलन होने लगती है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के अनुसार, इस तरह होने वाले दर्द में गांजा बहुत आराम देता है। एक दूसरी रिसर्च के अनुसार गांजा, नर्वस डैमेज वाले दर्द में भी आराम पहुंचा सकता है।
ऑटोइम्यून डिसीज
गांजा हमें ऑटोइम्यून डिसीज से बचाता है। 'साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी' की रिसर्च के अनुसार, गांजा में मिलने वाला टीएचसी हमें इस बीमारी से बचाने में कारगर साबित होता है। कई बार अनियमित खान-पान एवं बिगड़े लाइफस्टाइल की वजह से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसे ठीक करने में भी गांजा बहुत फायदेमंद होता है।
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कैंसर और ट्यूमर
गांजे में कैनाबिनॉएड्स नाम का एक तत्व पाया जाता है। अमेरिका की एक रिसर्च के अनुसार, ये तत्व कैंसर की कोशिकाओं को मारने में सक्षम होता है, साथ ही ये तत्व ट्यूमर को बढ़ने नहीं देता है। इस तत्व के प्रभाव की वजह से ही रक्त की कोशिकाओं में जम रहे थक्के जमने में सफल नहीं हो पाते हैं। इसके अलावा गांजा कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और लीवर कैंसर के इलाज में भी फायदेमंद होता है।
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