TRENDING TAGS :
1 मरीज से 406 लोग हो सकते हैं संक्रमित, जानें क्यों जरूरी हैं लॉकडाउन और डिस्टेंसिंग
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के शोध में पता चला है कि कोविड-19 का एक मरीज अगर लॉकडाउन का पालन नहीं करता है और सोशल डिस्टेसिंग पर अमल नहीं करता है तो वो 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
नई दिल्ली कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के शोध में पता चला है कि कोविड-19 का एक मरीज अगर लॉकडाउन का पालन नहीं करता है और सोशल डिस्टेसिंग पर अमल नहीं करता है तो वो 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर वो लॉकडाउन का पालन करता है तो वो केवल 2.5 लोगों को ही इन्फेक्ट कर सकता है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर दिल्ली, मुंबई, भीलवाड़ा, आगरा में छोटे-छोटे क्षेत्रों को चिह्नित कर उन्हें सील करने की रणनीति बनाई गई है। देश में अभी तक कुल 4,421 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि, बीते 24 घंटे में 354 नए मामले सामने आए हैं, जबकि देश में बीते 24 घंटे में कोविड-19 से आठ लोगों की मौत हुई है। अब तक 326 व्यक्तियों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।
यह पढ़ें....सरकारी घर में तहसीलदार की हुई पिटाई, BJP सांसद पर आरोप
सोशल डिस्टेंसिंग की इतनी जरूरत क्यों
केंद्र सरकार अभी इसपर विचार कर रही है। हालांकि संकेत यही दिए जा रहे हैं कि लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है। सोमवार को सरकारी हैंडल से लॉकडाउन बढ़ने की बात को निराधारा बताता ट्वीट भी हटा लिया गया। दोपहर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से लॉकडाउन को लेकर एक आंकड़ा बताया गया। ये आंकड़ा यह समझाने के लिए था कि देश में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की इतनी जरूरत क्यों है? संयुक्त सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक स्टडी का हवाला दिया। कहा, 'ICMR की एक स्टडी बताती है कि अगर एक COVID-19 का मरीज लॉकडाउन फॉलो ना करे या सोशल डिस्टेंसिंग ना अपनाए तो 30 दिन में 406 लोगों को इन्फेक्ट कर सकता है।'यानी अगर लॉकडाउन जारी नहीं रखा गया और सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो ना हुई तो कोरोना के मामलों में कमी नहीं आ सकेगी।
लंदन के एक कॉलेज की रिसर्च में सामने आया है कि नोवेल कोरोना वायरस बेहद संक्रामक है। रिसर्च के मुताबिक, हर व्यक्ति इसे तीन लोगों में फैलाता है और वो तीन फिर अगले तीन। इस तरह यह 10 बार होता है। यानी एक व्यक्ति के जरिए 59,000 लोगों को संक्रमण हो सकता है। यह चौंकाने वाला आंकड़ा स्पेन, फ्रांस, इटली, अमेरिका के आंकड़ों से ज्यादा उलट नहीं जहां संक्रमण की संख्या लाखों में पहुंच गई है।
तेलंगाना के सीएम केसीआर ने साफ कहा है कि लॉकडाउन ही कोरोना वायरस के खिलाफ देश का इकलौता हथियार है। उन्होंने लॉकडाउन को 3 जून तक बढ़ाने का सुझाव रखा है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि 14 अप्रैल के बाद जो भी फैसला हो, लोग उसका उसी तरह पालन करें जैसे अबतक करते आए हैं। कर्नाटक सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी कहा है कि 'अभी जैसे हालात हैं, मुझे नहीं लगता लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होगा।' मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो हम लॉकडाउन को बढ़ाएंगे। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन जारी रखने की चर्चा है।
यह पढ़ें....इस IAS को शराबियों की चिंता, दिया ठेकों को खोलने का सुझाव
दुनियाभर में लॉकडाउन
कोरोना वायरस को काबू करने के लिए दुनिया के बहुत से देशों ने लॉकडाउन कर रखा है। भारत के अलावा एशिया में ईरान, नेपाल, मलेशिया, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान, लाओस ने लॉकडाउन किया है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी लॉकडाउन में हैं। यूरोप में हालात बेहद खराब हैं। एक तरह से पूरा यूरोप ही लॉकडाउन झेल रहा है। लैटिन अमेरिका में पेरू, अर्जेंटीना, कोलंबिया, वेनेजुएला, हैती में प्रतिबंध लगाए गए हैं। अफ्रीकी देशों की बात करें तो केन्या, रवांडा, साउथ अफ्रीका, अंगोला जैसे देशों ने लॉकडाउन किया है।