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जज्बे को सलाम: इतनी सी उम्र में पास की महापरीक्षा, PM मोदी ने दी बधाई
प्रियव्रत ने अपने पिता के साथ वेदों और न्याय का अध्ययन किया है। इसी के साथ उन्होंने सभी व्याकरण ग्रंथों का भी अध्ययन किया । प्रसंसा वाली बात यह है कि उन्होंने तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) के 14 स्तरों को सबसे कम समय में पास करने की सफलता हासिल की है ।
नई दिल्ली: भारत प्रतिभाओं की खान है जहां एक से एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व पैदा हुए हैं । यहां तक कि पूरा विश्व, भारत की क्षमता और प्रतिभा का कायल हो चुका है । उदहारण के तौर पर इसरो (ISRO) के हमारे वैज्ञानिकों की चंद्रयान-2 को लेकर जो सफलता हासिल हुई है पूरा विश्व इसकी तारीफ़ कर रहा है ये बात अलग है कि कुछ तकनिकी कारणों से अभी चंद्रयान-2 से संपर्क नहीं हो पा रहा है लेकिन उम्मीद अभी बाकी है।
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वहीं अगर हम अपनी संस्कृति की बात करें तो भारत देश की संस्कृति बहुआयामी है । अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए 16 साल के प्रियव्रत ने इतिहास रच दिया है। प्रियव्रत ने अपने पिता के साथ वेदों और न्याय का अध्ययन किया है। इसी के साथ उन्होंने सभी व्याकरण ग्रंथों का भी अध्ययन किया । प्रसंसा वाली बात यह है कि उन्होंने तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) के 14 स्तरों को सबसे कम समय में पास करने की सफलता हासिल की है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रियव्रत को दी बधाई
उनकी इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी । पीएम मोदी ने कहा 'इस उपलब्धि के लिए प्रियव्रत को बधाई, उनकी उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करेगी ।
इससे पहले हरियाणा के रोहतक में विजय संकल्प रैली में पीएम नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 की लैंडिंग से जुड़े वाकये को याद किया और कहा कि 7 सितंबर की रात के 100 सेकंड ने कामयाबी की परिभाषा बदल दी है ।
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पीएम मोदी ने इस रैली में इसरो स्पिरिट (ISRO Spirit) का जिक्र किया
हालांकि रोहतक में पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहे थे, लेकिन ये रैली भी चंद्रयान की लैंडिंग की रोमांचक कहानी से अछूती नहीं रह सकी । पीएम मोदी ने इस रैली में इसरो स्पिरिट (ISRO Spirit) का जिक्र किया और कहा कि जैसे हम खेल भावना का जिक्र करते थे अब इसरो की भावना की चर्चा हुआ करेगी ।