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मजदूरों-छात्रों की घर वापसी पर उठे सवाल, तीन राज्यों ने की ये कदम उठाने की मांग

तीन राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को वापस अपने घर तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाए। राज्यों की मांग पर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

Shivani Awasthi
Published on: 30 April 2020 3:52 PM GMT
मजदूरों-छात्रों की घर वापसी पर उठे सवाल, तीन राज्यों ने की ये कदम उठाने की मांग
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों और छात्रों को वापस अपने घर लौटने की इजाजत तो दे दी है मगर राज्यों के सामने इन्हें वापस लाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अब तीन राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को वापस अपने घर तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाए। राज्यों की मांग पर अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

नीतीश और मोदी ने की विशेष ट्रेन की मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इतनी भारी संख्या में मजदूरों की वापसी बिना स्पेशल ट्रेन चलाए नहीं हो सकती। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार के इस बयान का समर्थन किया है। उन्होंने भी केंद्र सरकार से प्रवासियों को बिहार तक वापस लाने के लिए विशेष ट्रेन का प्रबंध करने का अनुरोध किया है।

वापसी में यह है सबसे बड़ी समस्या

दोनों नेताओं ने गृह मंत्रालय के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के बीस लाख लोग फंसे हैं। ये सभी वापस बिहार आना चाहते हैं। हमें खुशी है कि केंद्र सरकार ने उन्हें वापस लाने की हमारी मांग मान ली है मगर सबसे बड़ी समस्या है कि इन्हें वापस कैसे लाया जाए। बसों से इतनी ज्यादा संख्या में प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस नहीं लाया जा सकता। इसलिए केंद्र सरकार को इनकी वापसी के लिए विशेष ट्रेन चलाने के विकल्प पर विचार करना चाहिए।

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कैप्टन ने भी उठाए सवाल

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पूरे पंजाब में 10 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर हैं। अकेले लुधियाना में ऐसे मजदूरों की संख्या सात लाख से ज्यादा है। उन्होंने राज्य के अफसरों को लॉकडाउन के चलते राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी तैयार करने को कहा है। इस बाबत हर जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि प्रधानमंत्री को इन्हें वापस घर तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष ट्रेन चलाएं बिना इतनी ज्यादा संख्या में लोग कैसे अपने गृह राज्य लौट सकेंगे।

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तेलंगाना ने कहा-बसों से वापसी संभव नहीं

तेलंगाना के मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने भी मांग की है कि प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में उनके घरों तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के करीब पंद्रह लाख प्रवासी मजदूर हैं। लॉकडाउन के चलते ये सभी मजदूर तेलंगाना में फंसे हुए हैं। बस के जरिए उन्हें घर तक पहुंचने में 3 से 5 दिन लग जाएंगे।

ऐसे में केंद्र का यह कहना सही नहीं है कि सभी राज्यों को उनके यहां फंसे मजदूरों को बस से भेजना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र की ओर से विशेष ट्रेन नहीं चलाई जाएगी तब तक इन मजदूरों को वापस अपने गृह राज्यों तक भेजना संभव नहीं लगता।

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