×

कश्मीर में आया भीषण बर्फीला तूफान, कई जवान लापता, सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार में बर्फीले तूफान(ऐवलॉन्च) ने कहर बरपाया है। इस बर्फीले तूफान में तीन जवानों के लापता होने की खबर है। बाकी जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया है। लापता जवानों को बचाने के लिए सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है। लापता जवानों की तलाश में सेना की एआरटी को लगाया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Dec 2019 5:04 AM GMT
कश्मीर में आया भीषण बर्फीला तूफान, कई जवान लापता, सर्च ऑपरेशन जारी
X

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार में बर्फीले तूफान(ऐवलॉन्च) ने कहर बरपाया है। इस बर्फीले तूफान में चार जवानों के लापता होने की खबर है। बाकी जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया है। लापता जवानों को बचाने के लिए सेना सर्च ऑपरेशन चला रही है। लापता जवानों की तलाश में सेना की एआरटी को लगाया गया है।

जानकारी के मुताबिक बर्फीला तूफान बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में आया है। ये दोनों इलाके उत्तरी कश्मीर में हैं। 18 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन में चार जवान लापता हो गए हैं। जवानों की तलाश के लिए सेना ने ऐवलॉन्च रेस्क्यू टीम और सेना के हेलिकॉप्टरों को लगाया है।

यह भी पढ़ें...नागरिकता बिल पर सरकार-विपक्ष में जंग की तैयारी, जानिए इसके बारे में पूरी डीटेल्स

हाल के दिनों कश्मीर में बर्फीले तूफान की सेना के जवानों के चपेट में आने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में 18 और 30 नवंबर को आए बर्फीला तूफान आया था जिसमें 6 जवान शहीद हो चुके हैं।

अब तक 900 से अधिक जवान शहीद

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भारत ने 1984 में सेना की तैनाती शुरू की थी। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से अपने सैनिकों को भेजकर यहां कब्जे की कोशिश हुई थी। इसके बाद से लगातार यहां जवानों की तैनाती रही है।

यह भी पढ़ें...महाभियोग जांच में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोषी, लगा है ये बड़ा आरोप

सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में सेना के सैकड़ों जवान शहीद हो चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक साल 1984 से लेकर अब तक हिमस्खलन की घटनाओं में सेना के 35 ऑफिसर्स समेत 900 से अधिक जवान सियाचिन में शहीद हो चुके हैं। 2016 में ऐसे ही एक घटना में मद्रास रेजीमेंट के जवान हनुमनथप्पा समेत कुल 10 सैन्यकर्मी बर्फ में दबकर शहीद हो गए थे।

यह भी पढ़ें...राहुल बजाज के बाद इस बड़े बिजनेसमैन ने सरकार पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात

गौरतलब है कि करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया में सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र माना जाता है, जहां सैनिकों को फ्रॉस्टबाइट (अधिक ठंड से शरीर के सुन्न हो जाने) और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है। ग्लेशियर पर ठंड के मौसम के दौरान हिमस्खलन की घटनाएं होना आम हैं। साथ ही यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे हो जाता है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story