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वाह-रे 'रिश्वतखोर' इंडिया, एक साल में 670 करोड़ रूपए डकारते हैं 'साहब'

बीते फरवरी माह में जारी सेवलाइफ फाउंडेशन द्वारा देश के ट्रक ड्राइवरों पर किए इस अध्ययन में देश के 10 प्रमुख परिवहन व ट्रांसपोर्ट हब माने जाने वाले शहरों को चुना गया। जिसमे दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहटी, कानपुर, विजयवाड़ा तथा बैंगलोर शामिल थे।

Shivakant Shukla
Published on: 1 March 2020 5:54 PM IST
वाह-रे रिश्वतखोर इंडिया, एक साल में 670 करोड़ रूपए डकारते हैं साहब
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लखनऊ: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने बीते साल सितंबर माह में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए मोटर व्हैकिल अमेंडमेंड बिल पेश कर दिया।

इस बिल को पेश करने के समय यह माना जा रहा था कि इसके लागू होने के बाद जहां वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करेंगे वहीं यातायात नियम उल्लंघन के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी लेकिन रोड़ सेफ्टी के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेवलाइफ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में ट्रक ड्राइवरों और मालिकों को हर साल रिश्वत के तौर पर 47 हजार 852.28 करोड़ रुपये या 6.7 बिलियन डालर देने पड़ते है। रिश्वत की इस वसूली में पुलिस, यातायात पुलिस और आरटीओ सभी शामिल हैं।

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बीते फरवरी माह में जारी सेवलाइफ फाउंडेशन द्वारा देश के ट्रक ड्राइवरों पर किए इस अध्ययन में देश के 10 प्रमुख परिवहन व ट्रांसपोर्ट हब माने जाने वाले शहरों को चुना गया। जिसमे दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहटी, कानपुर, विजयवाड़ा तथा बैंगलोर शामिल थे। अध्ययन में शामिल शहरों में गुवाहटी में सबसे ज्यादा रिश्वत लिए जाने की सूचना मिली। यहां 97.5 प्रतिशत ड्राइवरों ने दावा किया कि उन्होंने रिश्वत दी थी। इसके बाद चेन्नई में 89 प्रतिशत और दिल्ली में 84.4 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों ने रिश्वत वसूली की बात कही।

औसतन 2.8 प्रतिशत या 1257 रुपये की रिश्वत वसूली जाती है

अध्ययन में शामिल किए गए 82 प्रतिशत से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों और मालिकों ने जानकारी दी कि सड़क पर चलते समय उन्हे एक से दो विभागों के अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है। ट्रक ड्राइवरों व मालिकों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के अलावा विभिन्न शहरों में धार्मिक आयोजनों के लिए भी चंदे के तौर पर उनसे वसूली की जाती है। अध्ययन के मुताबिक ट्रक ड्राइवर व मालिक को एक चक्कर में औसतन 2.8 प्रतिशत या 1257 रुपये की रिश्वत वसूली जाती हैं।

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44 प्रतिशत ड्राइवरों ने बताया कि आरटीओ भी उनसे रिश्वत वसूलते हैं। अध्ययन के मुताबिक बंगलुरू आरटीओ रिश्वत लेने के मामलें में सबसे ऊपर है। 47 प्रतिशत ड्राइवरों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए रिश्वत दी है। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए मुंबई में 93 प्रतिशत, गुवाहटी में 83 प्रतिशत और दिल्ली-एनसीआर में 78 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों ने रिश्वत देने का दावा किया।



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Shivakant Shukla

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