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पाकिस्तान की दरिंदगी: कश्मीर में आज काला दिवस, मौतों से गुंजी थी घाटी

22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान से घुसे हमलावरों ने अवैध रूप से जम्मू कश्मीर पर कब्जा जमाने के लिए लूट और अत्याचार मचाया था। इसलिए आज का दिन जम्मू कश्मीर में काला दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

Shivani
Published on: 22 Oct 2020 6:15 AM GMT
पाकिस्तान की दरिंदगी: कश्मीर में आज काला दिवस, मौतों से गुंजी थी घाटी
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में आज का दिन काला दिवस (Kashmir Black Day) के तौर पर मनाया जाता है। भारत और पाकिस्तान विभाजन के बाद जम्मू कश्मीर में नरसंहार हुआ था, 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान से घुसे हमलावरों ने अवैध रूप से जम्मू कश्मीर पर कब्जा जमाने के लिए लूट और अत्याचार मचाया था। हिंसा का और आतंक का ये मामला भारतीय इतिहास में काली छाप छोड़ गया।

कश्मीर आज मना रहा काला दिन

दरअसल, भारत की आजादी के बाद देश दो टुकड़ो में बंट गया। भारत का पाकिस्तान से विभाजन हुआ तो जम्मू कश्मीर निशाना बन गया। पहली बार पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने का सिलसिला शुरू हुआ। आज ही के दिन पाकिस्तानी सेना समर्थित कबायली लोगों का लश्कर कश्मीर में कुल्हाड़ियां, तलवार- बंदूक और कई घटक हथियार लेकर घुसे पर नरसंघार किया।

73 years of kashmir black day pakistan terror marks 22 October

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73 साल पहले पाकिस्तान ने की थी हिंसा

पाकिस्तान के लोगों ने पुरुषों, बच्चों की हत्याएं की और महिलाओं के साथ रेप किया। उन्हे अपना गुलाम बना लिया। इन आक्रमणकारियों को मिलिशिया कहा गया जो घाटी की संस्कृति को नष्ट करने आये थे।

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पाक सेना और कबाइलियों ने कश्मीर का इतिहास बनाया खौफनाक

कश्मीर की आज जो हालत पाकिस्तानियों और आतंकियों ने की है, उसकी कहानी पहली बार 73 साल पहले आज के ही दिन लिखी गयी थी। पाक सेना और कबाइलियों ने कश्मीरियों के साथ बर्बरता की, जिसकी जुबानी आज भी उनके वंशज सुनाते हैं।

पाकिस्तानी सेना और कबाइलियों की दरिंदगी से आज तक रो रहा कश्मीर

इसी काले दिन को कश्मीर के लोग आज तक नहीं भूले। कितने परिवार खत्म हो गए। आज भी लोग वो दिन याद कर सहम जाते हैं और यही वजह है कि इस काले दिन को कश्मीर में हर साल मनाया जाता है। इसके लिए पूरे कश्मीर में पोस्टर और होल्डिंग्स लगाए जाते हैं। दुकानों को बंद रखा जाता है। लोग उन आक्रमणकारियों को कोसते हैं।

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