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जिस अटारी-वाघा बॉर्डर से होगा अभिनंदन का गृह प्रवेश उसे कितना जानते हैं आप ?
विंग कमांडर अभिनंदन वाघा बॉर्डर से भारत लौटेंगे। अटारी-वाघा बॉर्डर पर जोरदार तरीके से उनका स्वागत करने की तैयारियां हैं। अभिनंदन जिस अटारी-वाघा बॉर्डर से गृहप्रवेश करेंगे उसका भी अपना शानदार इतिहास है। इस मौके पर हम आपको उसके बारे में सबकुछ बताएंगे...
नई दिल्ली : विंग कमांडर अभिनंदन वाघा बॉर्डर से भारत लौटेंगे। अटारी-वाघा बॉर्डर पर जोरदार तरीके से उनका स्वागत करने की तैयारियां हैं। अभिनंदन जिस अटारी-वाघा बॉर्डर से गृहप्रवेश करेंगे उसका भी अपना शानदार इतिहास है। इस मौके पर हम आपको उसके बारे में सबकुछ बताएंगे...
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वाघा भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित एक गांव है।
अमृतसर से 32 किलोमीटर और लाहौर से 22 किमी दूरी पर है।
आज वाघा बॉर्डर रिट्रीट सेरेमनी के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
14-15 अगस्त 1947 की आधी रात को जब देश का बंटवारा हुआ तो अटारी गांव भारत का और वाघा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया।
ग्रांड ट्रंक रोड पर पाकिस्तान ने अपनी तरफ बांस खड़ा कर दिया तो वहीं भारत ने तिरंगा लगा दिया।
कुछ समय बाद भारत ने एक छोटा सा गेट लगाया गया और दोनों देशों के झंडे खंभे पर लगा दिए गए। यहां आने-जाने वालों से पूछताछ की जाती थी।
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साल 1958 में एक पुलिस चौकी बनाई गई।
1965 में बीएसएफ की स्थापना के साथ ही उसे यहां की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसके साथ ही रिट्रीट शुरू हुई।
1990 के दशक में बड़ा गेट लगाया गया।
1998 में पंजाब में जब आतंकवाद फैला तो बॉर्डर पर फेंसिंग की गई।
2001 में यहां रिट्रीट देखने के लिए दर्शक गैलरी बनाई गई।