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आरोपी पुलिस अफसर: सचिन वाजे गिरफ्तार तो IPS प्राची सिंह पर कब दर्ज होगी FIR?

इन दिनों दो राज्यों के पुलिस अधिकारी चर्चा में हैं। एक यूपी पुलिस में तैनात आईपीएस प्राची सिंह और दूसरे मुम्बई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे।

Shivani
Published on: 14 March 2021 12:43 PM GMT
आरोपी पुलिस अफसर: सचिन वाजे गिरफ्तार तो IPS प्राची सिंह पर कब दर्ज होगी FIR?
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लखनऊ: पुलिसकर्मियों के ऊपर आरोप लगना कोई नई बात नहीं है लेकिन इन आरोपो पर कानून के रखवालों के खिलाफ कैसे न्याय होता है और उनको किस तरह से कानूनी कार्रवाई में शामिल किया जाता है, सवाल ये बनता है। इन दिनों दो राज्यों के पुलिस अधिकारी चर्चा में हैं। एक यूपी पुलिस में तैनात आईपीएस प्राची सिंह और दूसरे मुम्बई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे।

सचिन वाजे और प्राची सिंह

दरअसल, मुम्बई में उद्योगपति मुकेश अम्बानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले में एनआईए की जांच में मुम्बई पुलिस के सचिन वाजे का नाम सामने आया। पूछताछ के बाद एनआईए ने सचिव वाजे को गिरफ्तार कर लिया और अब रिमांड के दौरान कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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वहीं उत्तर प्रदेश में आईपीएस प्राची सिंह का नाम हाल ही में लखनऊ में विशाल नाम के युवक की आत्महत्या के मामले में जुड़ा। युवक ने अपने सुसाइड नोट में प्राची सिंह पर आरोप लगाए फिर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। हालांकि प्राची सिंह का नाम आने के बाद भी पुलिस ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

जानें दोनों मामलों में आरोपी पुलिस अधिकारियों की भूमिका, कानूनी कार्रवाई में कौन कितना फंसा..

क्या है IPS प्राची सिंह पर आरोप

हाल ही में लखनऊ के अलीगंज निवासी विशाल सैनी ने पुलिस पर प्रताडऩा का आरोप लगाकर ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। विशाल ने सुसाइड नोट में आइपीएस प्राची सिंह पर देहव्‍यापर ग‍िरोह में फंसाने का आरोप लगाया। पीडि़त परिवार ने भी बेटे की मौत को लेकर आरोप लगाया कि विशाल को देहव्‍यापर ग‍िरोह के झूठे केस में फंसाया गया है।

Accused Police officers NIA Arrest Mumbai Police sachin-vaze UP IPS Prachi Singh Fir Not Filed Yet

IPS प्राची सिंह को बचा रही यूपी पुलिस?

वहीं जब बेटे की मौत के बाद उसके सुसाइड नोट के आधार पर पीडित परिवार ने न्याय की गुहार लगाई तो उनकी आवाज आलाधिकारियों तक नहीं पहुंची। मामले में अभी तक लखनऊ कमिश्नरेट ने कोई कार्रवाई नहीं की। बीते गुरुवार को विशाल के पिता अर्जुन आइपीएस प्राची सिंह के खिलाफ तहरीर लेकर अलीगंज कोतवाली पहुंचे और एफआइआर की मांग की। इस पर अलीगंज पुलिस ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि घटना स्थल हसनगंज का है।

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पीडित पिता वहां से तहरीर लेकर हसनगंज कोतवाली पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने उनसे तहरीर तो ले ली पर उन्हे घर जाने को कह दिया। पिता ने जब एफआइआर दर्ज कराने को कहा तो पुलिसकर्मियों ने चुप्पी साध ली।

सचिन वाजे पर आरोप

मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के मामले में NIA ने जांच शुरू की तो एंटीलिया के पास खड़ी स्कॉर्पियो एसयूवी कार के साथ बरामद की गई इनोवा कार सचिन वाजे की निकली है। ये वहीं कार थी, जिससे आरोपी भागे थे। NIA पूछताछ के लिए सचिन वाजे को एनआईए के दफ्तर लाई। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई।

Sachin Vaze

कौन हैं सचिन वाजे

बता दें कि सचिन वाजे मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे हैं। सचिन वाजे महाराष्ट्र के कोल्हारपुर के रहने वाले। वह 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। नौकरी के दौरान उनका तबादला ठाणे में हुआ और उनको एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की टीम में शामिल कर लिया गया। 1992 से 2004 तक वाजे 63 एनकाउंटर किए हैं जिसमें उन्होंने कई नामी अपराधियों को ढेर किया।

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इस के बाद घाटकोपर ब्लास्ट से जुड़े मामले ने सचिन वाजे को चर्चा में ला दिया। इस हमले के आरोपी ख्वाजा यूनुस को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे औरंगाबाद लेकर जाया जा रहा , लेकिन वह पुलिस हिरास से फरार हो गया। इस घटना की सीआईडी से जांच कराई गई। इसके जांच में खुलासा हुआ कि ख्वाजा की मौत पुलिस हिरासत में ही हो गई थी।

आरोपी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई कब ?

सवाल है कि दो अलग अलग मामलों में दो राज्यों के बड़े पुलिस अधिकारियों का नाम सामने आया। लखनऊ में मृतक ने अपने सुसाइड नोट में आईपीएस का नाम तक लिखा लेकिन एफआरआर दर्ज करने के लिए लखनऊ पुलिस तैयार नहीं। वहीं मुंबई में कार से लिंक जोड़ कर एनआईए ने पुलिस अधिकारी को देर रात तक पूछताछ के लिए बैठाये रखा और फिर आगे की जांच के लिए उसकी गिरफ्तारी तक कर ली। हालाँकि मुंबई पुलिस या उद्धव सरकार भले ही एनआईए की कार्रवाई से इत्तेफाक न रखें लेकिन पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई किये जाने से लोगों में वर्दीधारियों के खिलाफ भी न्याय का विश्वास जगा। आखिर ऐसा यूपी में क्यों नहीं?

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