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पॉलिटिक्स ऑन फेथः इस राज्य में भाजपा- झामुमो आमने-सामने, मामला बिगड़ा

झारखंड में लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। छठ गाइडलाइन में विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने छठ घाटों में जाने की इजाज़त दे दी है। भाजपा इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा है।

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Published on: 19 Nov 2020 3:01 PM GMT
पॉलिटिक्स ऑन फेथः इस राज्य में भाजपा- झामुमो आमने-सामने, मामला बिगड़ा
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झारखंड में आस्था के नाम पर राजनीति, छठ को लेकर भाजपा-झामुमो आमने-सामने

रांची: झारखंड में लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। छठ गाइडलाइन में विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने छठ घाटों में जाने की इजाज़त दे दी है। भाजपा इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा है। पार्टी का कहना है कि, सत्ताधारी झामुमो ने छठ व्रत का मुग़लों और अंग्रेज़ों से भी अधिक अपमान किया है। जबकि, जेएमएम ने बीजेपी पर आस्था के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि, बिहार और यूपी में जहां भाजपा की सरकार है वहां भी छठ में छूट नहीं दी गई है।

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केंद्र सरकार के अनुरूप गाइडलाइन

सत्ताधारी झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि, केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए छठ गाइडलान जारी किया गया। प्रधानमंत्री के कथन के अनुसार जबतक दवाई नहीं तबतक ढिलाई नहीं पर अमल किया गया। हालांकि, झारखंड भाजपा के लोग अपने नेता की भी नहीं मानते हैं। वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के लिए छठ गाइडलाइन का विरोध किया गया है। उन्होने कहा कि, अगर छठ घाटों में जाने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता है तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा। उन्होने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के घर हुई आतिशबाज़ी और मिठाई वितरण को लेकर कहा कि, दीपक प्रकाश पर पेंडमिक एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज होना चाहिए। रांची से भाजपा विधायक सीपी सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि, अगर संक्रमण फैलता है तो उनपर साज़िशन हत्या का मामला दर्ज कराया जाएगा। भाजपा आस्था के नाम पर राजनीति कर रही है।

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झामुमो ने किया छठ व्रत का अपमान

झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा है कि, सत्ताधारी झामुमो ने छठ महापर्व का अपमान किया है। उन्होने पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य का नाम लेकर कहा कि, अपराध और भ्रष्टाचार के घाट पर स्नान करने वाले छठ की महिमा क्या जानें। झामुमो का सनातन परंपरा और धर्म-कर्म से कुछ लेना-देना नहीं है। ये लोग सत्ता लोलुपता और तुष्टीकरण में सबकुछ भूल चुके हैं। आदित्य साहू ने कहा कि, झामुमो ने हिंदू धर्म के पूजा-पाठ को भी जाति में बांट दिया है। लिहाजा, जेएमएम नेता पर जाति विद्वेष फैलाने का केस दर्ज होना चाहिए। भाजपा नेताओं पर केस दर्ज करने के सवाल पर उन्होने कहा कि, झामुमो ने बता दिया है कि, तुगलकी फरमान को वापस कराने में भाजपा का योगदान है। छठ महापर्व के अवसर पर भाजपा के नेता-कार्यकर्ता घाट पर मौजूद रहेंगे। लिहाज़ा, राज्य सरकार केस दर्ज करने की तैयारी कर ले।

विरोध के बीच गाइडलाइन में बदलाव

झारखंड सरकार ने पहली गाइडलाइन में छठ व्रतियों को घाटों में जाने की अनुमति नहीं दी थी। कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे के मद्देनज़र सरकार ने घर पर ही महापर्व करने का आग्रह किया था। हालांकि, छठ गाइडलाइन को लेकर भाजपा समेत अन्य दलों ने विरोध शुरू कर दिया। नतीजतन सरकार को जनभावना के आगे झुकना पड़ा और व्रतियों को छठ घाट जाने की इजाज़त देनी पड़ी। इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भाजपा पर आस्था के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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