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किसान आंदोलन पर कृषि राज्य मंत्री का बड़ा बयान, MSP पर कही इतनी बड़ी बात
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी आगे जारी रहेगी, किसानों को किसी के झांसे में आने की आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्ली: सरकार से एक बाद फिर बातचीत फेल होने के बाद दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान 11 दिन से लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे, तभी आंदोलन खत्म करेंगे। किसानों का आरोप है कि इस कानून से एमएसपी खत्म हो जाएगी। सरकार ने बार-बार भरोसा देने के बावजूद किसान मानने को तैयार नहीं है। उनकी सिर्फ यहीं मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द करें।
अब इस बीच कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है। कैलाश चौधरी ने कहा कि एमएसपी आगे जारी रहेगी, किसानों को किसी के झांसे में आने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जो कहते हैं वो होता है। एमएसपी के बारे में लिख कर भी दे सकते हैं।
कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग में भी यही सिफारिश की गई है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों का हित है। ये कानून किसानों के हित में हैं। सरकार ने कहा है कि संशोधन की जरूरत होगी तो करेंगे। संशोधन की गुंजाइश होगी तो विचार करेंगे।
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कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्ष किसानों को भड़काने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। इस बिल के माध्यम से किसान को आजाजी मिली है। इतने साल से किसान संघ सही मूल्य के लिए आंदोलन करते आए हैं। पहली बार आजादी मिली है तो खेत में काम करने वाले किसान को इस बात से कोई मतलब नहीं है। राजनीतिकरण पर किसानों को सोचना चाहिए।
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सिंघु बार्डर पर 300 से ज्यादा किसान बीमार
अब इस जानकारी सामने आई है कि सिंघु बॉर्डर पर 300 से ज्यादा किसान बीमार हो गए हैं। वैसे तो यहां दवाई का वितरण किया जा रहा है, लेकिन कोरोना जांच कराने को लेकर किसानों ने इंकार कर दिया है।
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दरअसल, पंजाब, हरियाणा,गुजरात और यूपी के किसान दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। सिंघु बॉर्डर पर हजारों किसान तंबू डाले आंदोलन कर रहे हैं। हालंकि कोरोना संकट और बदलते मौसम के बीच किसानों में बीमारी भी बढ़ रही है। 300 से ज्यादा किसानों को बुखार, जुखाम और खांसी की शिकायत हो गयी हैं। वहीं जब प्रशासन ने इनकी कोरोना जांच कराने की बात कही तो किसानों ने जांच से साफ़ इनकार कर दिया।
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