TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

वैक्सीन पर मुआवजा: AIIMS निदेशक का बड़ा ऐलान, साइड इफेक्ट पर मिलेगा पैसा

आपातकाल इस्तेमाल की इजाजत पर उठे सवालों पर एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है। एम्स के निदेशक ने कहा कि जिस व्यक्ति को कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा उसमें किसी तरह का साइड इफेक्ट दिखाई देता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा।

Dharmendra kumar
Published on: 3 Jan 2021 10:39 PM IST
वैक्सीन पर मुआवजा: AIIMS निदेशक का बड़ा ऐलान, साइड इफेक्ट पर मिलेगा पैसा
X
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर ब्रिटेन के नए स्ट्रेन के गंभीर परिणाम सामने आते हैं, तो कोवैक्सीन को सिर्फ बैकअप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।

नई दिल्ली: ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को कोरोना वैक्सनी के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। DCGI ने भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को मंजूरी दी है।

आपातकाल इस्तेमाल की इजाजत पर उठे सवालों पर एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बड़ा बयान दिया है। एम्स के निदेशक ने कहा कि जिस व्यक्ति को कोवैक्सीन का टीका लगाया जाएगा उसमें किसी तरह का साइड इफेक्ट दिखाई देता है तो उसे मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा क्लीनिकल ट्रायल के समय भी किया गया था।

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वैक्सीन की इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि 'भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण अभी तक नहीं हुआ है। कोवैक्सीन को समय से पहले मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस संबंध में स्पष्टीकरण दें। कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने तक इसके इस्तेमाल से बचा जाना चाहिए। भारत को इस दौरान एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल करना चाहिए।

Coronavirus Vaccine

ये भी पढ़ें...वैक्सीन की कीमत पर ऐलान: सरकार को 200 में और जनता को देने होंगे इतने रुपये

डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर ब्रिटेन के नए स्ट्रेन के गंभीर परिणाम सामने आते हैं, तो कोवैक्सीन को सिर्फ बैकअप की तरह इस्तेमाल किया जाएगा और अगर इसके कोई साइड इफेक्ट्स सामने आथे हैं तो उसके लिए मुआवजा देने का प्रावधान है।

ये भी पढ़ें...कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर एकमत नहीं हैं कांग्रेस नेता, पढ़ें किसने क्या कहा?

एम्स निदेशक ने अपने बयान में कहा कि यह समझना जरूरी है कि जब हम किसी वैक्सीन पर विचार करते हैं, तो सुरक्षा सर्वोपरि है और इसलिए वैक्सीन अलग-अलग चरणों से गुजरती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सुरक्षित है, तभी हम मानव परीक्षणों में आते हैं। सभी डेटा को विशेषज्ञों द्वारा गंभीर रूप से देखा जाता है जिसके बाद वैक्सीन को मंजूरी दी जाती है।

ये भी पढ़ें...गिरा बर्फ का पहाड़: सैकड़ों लोगों पर बरसी मुसीबत, दहला हिमाचल और कश्मीर

गुलेरिया ने कहा कि हमारे देश के लिए यह बहुत अच्छा दिन है और नए साल की शुरुआत के लिए यह बहुत अच्छा तरीका। दोनों टीके भारत में बनाए गए हैं। वे प्रभावी हैं और देख-रेख करने में आसान हैं। हमें बहुत कम समय में, टीका लगाना शुरू करना चाहिए।

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story