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कभी चीन भी था प्रदूषण का शिकार, ऐसे किया खात्मा

राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत उससे सटे क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। दिवाली के बाद से ही राजधानी की स्मॉग छाया हुआ है। दिल्ली से सटे कई शहरों का भी बुरा हाल है जिसकी वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Nov 2019 11:57 AM GMT
कभी चीन भी था प्रदूषण का शिकार, ऐसे किया खात्मा
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत उससे सटे क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। दिवाली के बाद से ही राजधानी की स्मॉग छाया हुआ है। दिल्ली से सटे कई शहरों का भी बुरा हाल है जिसकी वजह से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और आगरा समेत कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। दिल्ली में प्रदूषण का हाल यह है कि फ्लाइट को डायवर्ट करना पड़ा है।

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स्मॉग और लो विजिबिलिटी की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर 32 फ्लाइट्स को दूसरे एयरपोर्ट पर भेजने पड़ा। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट संख्या एआई 443 लो विजिबिलिटी के कारण उड़ान नहीं भर पाई।

ईपीसीए के अनुसार दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण सीवियर प्लस कटेगरी व एक्यूआई 500 से 700 के बीच पहुंच गया है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की उम्र 10 साल कम कर दी है। पूरे उत्तर भारत में उम्र औसतन 7 साल कम हुई है।

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यह दावा शिकागो यूनिवर्सिटी की शोध संस्था एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो (ईपीआईसी) ने अपने विश्लेषण से पाया गया है। विश्लेषण के मुताबिक, साल 1998 से 2016 के बीच गंगा के मैदानी इलाके (उत्तर भारत) में वायु प्रदूषण (हवा में पर्टीकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 और 10) 72 प्रतिशत बढ़ गया। इस पूरे इलाके में भारत की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है।

कभी प्रदूषण से चीन भी था परेशान

करीब 6 साल पहले तक चीन भी ऐसे ही प्रदूषण से जूझ रहा था। वहां वायु प्रदूषण की वजह से हर साल पांच लाख लोगों की जान गंवानी पड़ती थी। बीजिंग में हर शख्स मास्क पहनकर घूमता देखा जाता था। अब चीन में ये हाल नहीं है।

चीन ने ऐसे उपाय किए जिसकी वजह से गैस चेंबर बन चुके उसके अधिकतर शहरों में 35 फीसदी तक प्रदूषण कम हो गया।

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चीन ने ऐसा क्या किया

शियान शहर में 100 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे बड़ा एयर प्यूरिफायर बनाया गया है। इसके साथ ही चीन में रेड लाइन पॉलिसी के तहत जंगलों, नदियों, नेशनल पार्क के आसपास किसी तरह का कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता है।

राष्ट्रीय स्तर पर वनरोपण प्रोग्राम बनाया गया और लक्ष्य रखा गया कि 2020 तक देश में जंगलों को 23% बढ़ाना है। चीन ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदूषण कम करने के लिए राष्ट्रीय पॉलिसी बनाई है।

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सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की पहचान करके वहां कुछ और कदम उठाए गए हैं। 82 शहरों में प्रदूषण के अलग-अलग स्वरूप और कारणों का पता लगाया गया।

चीन ने प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्री पर ज्यादा टैक्स लगाने की जगह उन्हें बंद कराने लगा। घरों, अस्पतालों और स्कूलों में कोयले के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया। लोहे और स्टील बनाने वाली कंपनियों पर रोक लगाई गई।

चीन पांच वर्षों में 35 फीसदी तक प्रदूषण कम करने में कामयाब रहा। यूएन ने भी यह स्वीकार किया । कभी दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में गिने जाने वाले पेइचिंग की हवा आज साफ है और वहां का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 53 है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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