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अमित शाह का इशारा! तो क्या मिलेगा इन कार्ड से छुटकारा
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी ओर इशारा किया है और बताया है कि पूरे देश में एक ही कार्ड की व्यवस्था करने की प्लानिंग है।
नई दिल्ली: आपको अपनी जरुरत के अनुसार कई सारे अलग-अलग कार्ड को कैरी करना पड़ता है। ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड सहित ऐसे कइ कार्ड हैं जो आप हर दिन आपके साथ लेकर घूमते होंगे। लेकिन जल्द ही आपको इन सबसे से छुटकारा मिल सकता है और इन सबके बदले केवल एक कार्ड ही इन सभी की जगह ले सकता है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी ओर इशारा किया है और बताया है कि पूरे देश में एक ही कार्ड की व्यवस्था करने की प्लानिंग है। अगर ऐसा होता है तो आपको जल्द ही ढ़ेरों सारे कार्ड से छुटकारा मिल सकता है।
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इन सभी कार्ड को करना पड़ता है कैरी-
ज्यादातर लोगों को अपने पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), गैस कनेक्शन, राशन कार्ड जैसे कार्ड्स को रखना होता है। इसके अलावा भी कई ऐसे कार्ड हैं जो सरकारी योजनओं का लाभ उठाने के लिए रखना पड़ता है, जैसे मनरेगा जॉब कार्ड, बीपीएल कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और इन सब कार्ड के बिना आपका काम रुक सकता है।
क्या है सरकार की योजना-
दरअसल, सरकार योजना बना रही है कि इन सभी को एक कार्ड से रिप्लेस कर दिया जाए। लेकिन इसके लिए कुछ गाइडलाइंस भी तय की जाएंगी। हालांकि, पहचान पत्र के तौर पर एक ही कार्ड को रखना होगा। वहीं ऐसा हो जाने के बाद भी सभी कार्ड्स मान्य होंगे। लेकिन इस योजना के बाद आपको इतने सारे कार्ड रखने की जरुरत नहीं पड़ेगी। नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के जरिए सभी कार्ड्स को एक ही प्लेजफॉर्म पर लाने का विचार किया जा रहा है।
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विदेशों में पहले से है प्रावधान-
बता दें कि विदेशों में पहले से ही ऐसी व्यवस्था है। फिलहाल इसके लिए इलेक्ट्रनिक डाटाबेस को तैयार करना होगा। सरकार की तरह से इस सुविधा को लाने का इशारा हो चुका है। दुनियाभर में डीएल, बैंक खाता, हेल्थ कार्ड और पहचान के लिए सिर्फ एक कार्ड ही चलता है। इस कार्ड में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है, जो कि डाटाबेस से जुड़ी होती है। इस चिप की मदद से कार्डहोल्डर की सारी जानकारी मिल जाती है।
इन देशों में पहले से ही है एक कार्ड की सुविधा-
ये कार्ड भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देश भी अपना रहे हैं। बता दें कि चीन ने पिछले साल ही 16 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों पर डिजीटल आईडी कार्ड को शुरु किया है। इस कार्ड में होल्डर की जन्मतिथि, जाति, लिंग, धर्म और पहचान नंबर जैसी अन्य जानकारियां दर्ज होती हैं। वहीं यूरोप ने भी इस कार्ड को लागू करने के लिए इसी साल अप्रैल में मंजूरी दी थी। जिसके बाद यूरोप में भी एक ही आईडी कार्ड होगा। इसको फिंगर प्रिंट से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, इंडोनेशिया, अल्जीरिया, नाइजीरिया, और कैमरून जैसे देशों ने भी नेशनल आईडी को अपनाया है।
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इस कार्ड के होंगे ये फायदे-
1- पैन और आधार दोनों ही लिंक होने से दो पैन कार्ड रखकर फर्जीवाड़ा कर रहे लोगों पर रोक लगेगी।
2- आधार से वोटर आईडी लिंक होने से फर्जी वोटर्स की पहचान होगी।
3- होल्डर को अब ढ़ेरों सारे कार्ड्स की जगह केवल एक ही कार्ड रखना पड़ेगा। इससे कार्ड्स के नंबर याद रखने में भी मुश्किल नहीं होगी।