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सबसे बड़े तूफान से रेलवे पर खतरा, ऐसे बचाए जाएंगे रेल के डिब्बे

सुपर साइक्लोन 'अम्फान' ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफान के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की आशंका है। 18 मई की शाम यह सुपर साइक्लोन में परिवर्तित हो गया।

Dharmendra kumar
Published on: 20 May 2020 5:24 AM GMT
सबसे बड़े तूफान से रेलवे पर खतरा, ऐसे बचाए जाएंगे रेल के डिब्बे
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कोलकाता: सुपर साइक्लोन 'अम्फान' ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है और 200 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफाने के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की आशंका है। 18 मई की शाम यह सुपर साइक्लोन में परिवर्तित हो गया। मंगलवार दोपहर को इसकी गति 200-240 किमी प्रतिघंटा की हवाओं के साथ चरम तक पहुंच गया है। यह सदी का सबसे बड़ा और भयानक तूफान बन गया।

200-240 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं से सबसे बड़ा खतरा रेल सेवाओं को है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रेल कोचों को चेन से बांधा गया है जिससे तूफानी हवाओं से रेल कोचों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके।

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भारतीय रेलवे ने हावड़ा के शालीमार साइडिंग में खड़ी रेल के कोच को चेन और ताले से बांधने का इंतजाम किया गया है। पूरे देश में कोरोना संकट के चलते भले ही रेल सेवाएं ठप पड़ी हों, लेकिन जो भी इस दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उन्हें भी सुरक्षा के मद्देनजर बंद की गई हैं।

ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर खाली खड़ी हैं, उन्हें लोहे की मोटी-मोटी चेन स्किट से बांधा गया है और ताला लगा दिया गया है। यह इसलिए किया गया है कि चक्रवाती तूफान में तेज हवा की वजह से ट्रेनें कहीं पटरी पर बिना इंजन के सरपट न दौड़ जाएं। अगर इंजन के बगैर एक बार दौड़ गई तो दुर्घटना घट सकती है फिर इसे काबू में करना बेहद मुश्किल साबित हो जाएगा। यही वजह है कि ट्रेन को लोहे की चेन और ताले से बांध कर रखा गया है।

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अम्फान तूफान के दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश का अनुमान है। भारत मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि इस दौरान बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी।

NDRF की 19 टीमें को किया गया है तैनात

अम्फान तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 19 टीमें पश्चिम बंगाल में तो वहीं 15 टीमों ओडिशा में तैनात किया गया है। 6 टीमों को इस तरह से तैयार रखा गया है, कि जब भी जरूरत पड़े, उन्हें एयरलिफ्ट करके पहुंचाया जाए। चक्रवाती तूफान प्रभावित इलाकों में भारी तबाही मचा सकता है।

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चक्रवाती तूफान अम्फान की दहशत इतनी है कि हावड़ा कॉरपोरेशन ने 24 घंटे के लिए कंट्रोल रूम चालू रखा है, जिससे लोगों तक किसी भी तरह की असुविधा होने पर तत्काल मदद पहुंचा दी जाए। ओडिशा के तटीय इलाकों में रेत से भरी बोरियां लगाई जा रही हैं जिससे समुद्री लहरों को बस्तियों तक आने से रोका जा सके। तटीय इलाकों से बस्तियां खाली करा ली गई हैं। लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया जा रहा है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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