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इस कंपनी से जुड़े थे धोनी, अब कोर्ट ने दिया संपत्ति कुर्की का आदेश, जानिए मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मनी लॉंड्रिंग मामले में आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा व दो निदेशकों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की इजाजत दे दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एनबीबीसी को आम्रपाली की 7 परियोजनाओं के निर्माण काम में तेजी लाने को कहा है।

suman
Published on: 14 Jan 2020 11:52 AM IST
इस कंपनी से जुड़े थे धोनी, अब कोर्ट  ने दिया संपत्ति कुर्की का आदेश, जानिए मामला
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मनी लॉंड्रिंग मामले में आम्रपाली समूह के सीएमडी अनिल शर्मा व दो निदेशकों को कस्टडी में लेकर पूछताछ की इजाजत दे दी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एनबीबीसी को आम्रपाली की 7 परियोजनाओं के निर्माण काम में तेजी लाने को कहा है।

*इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने जेपी मॉर्गन कंपनी की भारत में स्थित संपत्तियों को कुर्क करने के लिए कहा है। कंपनी पर फेमा के उल्लंघन का आरोप है। कंपनी पर होमबायर्स के पैसे को आम्रपाली समूह के साथ मिलकर हेराफेरी करने का आरोप है। जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने ईडी को मनी लॉंड्रिंग मामले में तीन निदेशकों को तत्काल कस्टडी में लेने की इजाजत देते हुए कहा कि जांच पूरी हो जाने पर उन्हें वापस जेल में भेज दिया जाए।

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*वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को नोएडा व ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की अधूरी पड़ी सात परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने के लिए कहा है। साथ ही कोर्ट ने एनबीसीसी को और 14 करोड़ रुपये भुगतान करने के लिए कहा है, जिससे कि परियोजनाओं के काम में रुकावट न आए। मालूम हो कि इससे पहले एनबीसीसी को 61 करोड़ रुपये जारी किया गया था।

*सुनवाई के दौरान ईडी ने पीठ को बताया कि प्रथम दृष्टया अमेरिकी कंपनी जेपी मॉर्गन पर फेमा के उल्लंघन का आरोपी है। इस पर पीठ ने कहा कि कंपनी की भारत में कई संपत्तियां है। कंपनी के दफ्तर व कॉरपोरेट संपत्तियों को कुर्क किया जाए।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सुरेखा फैमिली को आदेश के तहत 167 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है। सुरेखा के वकील अदालत केसमक्ष प्रोपर्टी के कागजात लेकर आए थे। पीठ ने कंपनी को आखिरी मौका देते हुए रकम जमा करने के लिए कहा है।

*साथ ही सुनवाई के दौरान बैंकों की ओर से बताया गया कि वह लोन की बकाया राशि देने के लिए तैयार है लेकिन आरबीआई की गाइडलाइंस के कारण कुछ अड़चने सामने आ रही हैं। इस पर पीठ ने कोर्ट रिसीवर को एक कमेटी का गठन करने के लिए कहा। कमेटी में फोरेंसिक ऑडिटर को शामिल करने का निर्देश दिया गया है। कमेटी को इस समस्या को लेकर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

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*सुनवाई के दौरान क्रिकेटर एमएस धोनी का रिती स्पोटर्स के पास 42.22 करोड़ रुपये देनदारी का मामला भी उठा। इस पर रिती स्पोटर्स के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कंपनी पर कोई बकाया नहीं है। उन्होंने कहा कि धोनी आम्रपाली के ब्रांड अंबेसडर थे और उन्हें 37 करोड़ रुपये चेक के माध्यम से भुगतान किया गया था। घर खरीदारों की ओर से कहा गया था कि आम्रपाली समूह द्वारा धोनी को दिए 42.2 करोड़ की रिकवरी की जाए।



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