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CAB को लेकर AMU छात्रों ने लगाए हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे, जानिए पूरा मामला
नागरिकता संशोधन बिल पर एएमयू छात्रों का आक्रोश बढ़ गया है। मंगलवार को छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से लेकर यूनिवर्सिटी सर्किल तक बिल के विरोध में पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मशाल जुलूस निकाला। साथ ही बिल की प्रतियां फूंक डालीं और हिंदुत्व मुर्दाबाद के भी नारे लगाए।
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल पर एएमयू छात्रों का आक्रोश बढ़ गया है। मंगलवार को छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से लेकर यूनिवर्सिटी सर्किल तक बिल के विरोध में पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मशाल जुलूस निकाला। साथ ही बिल की प्रतियां फूंक डालीं और हिंदुत्व मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। भड़के छात्रों ने एलान किया कि वह बुधवार को खाना नहीं खाएंगे और डायनिंग का बहिष्कार करेंगे। किसी भी कीमत पर बिल को लागू नहीं होने देंगे। एएमयू में बिल के विरोध का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा।
मंगलवार की रात को विश्वविद्यालय के सभी आवासीय हालों के छात्र लाइब्रेरी के पीछे कैंटीन पर इकट्ठा हुए और इसके बाद हाथों में मशाल लेकर और बिल की प्रतियां जलाते हुए जुलूस आगे बढ़ा। छात्रों ने केंद्र विरोधी, गृह मंत्रालय विरोधी नारे लगाए और आजादी की मांग करते हुए हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। छात्रों के तेवर देखते हुए एएमयू प्रशासन छात्रों से दूर ही रहा। छात्रों का काफिला वीसी लाज होते हुए स्टाफ क्लब पहुंचा। यहां से गेस्ट हाउस और बाब ए सैयद होते हुए यूनिवर्सिटी सर्किल पर पहुंचा। यहां पर छात्रों ने एक सभा की। जिसमें कहा कि यह बिल मौलिक अधिकार और संविधान की भावना के खिलाफ है। पूरी तरह मुस्लिम विरोधी है।
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*आमतौर से कैंपस में जुलूस और मार्च के बाद छात्र किसी जिम्मेदार अधिकारी या व्यक्ति को ज्ञापन देकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाते हैं। लेकिन मंगलवार की रात ज्ञापन नहीं दिया गया। कहना था कि ज्ञापन से कुछ नहीं होता। इसलिए छात्र बुधवार को दिल्ली जाने और वहां संसद भवन तक पहुंचने की बात कह रहे थे। इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि छात्र दिल्ली के लिए कूच कर सकते हैं। ‘छात्रों ने संसद में पेश हुए नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है। इसी के चलते मार्च भी निकाला गया है। मार्च और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा है।
*बुधवार को एक ओर एएमयू छात्र दिल्ली में संसद का घेराव करने की योजना बनाते हुए वहां कूच करने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं बुधवार को स्नातक और कुछ डिप्लोमा कोर्स की परीक्षाएं भी हैं। इससे असमंजस की स्थिति बन रही है।पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने इंतजामिया से मांग की है कि परीक्षा कार्यक्रम स्थगित करें। इस संबंध में कुलपति से मुलाकात भी की लेकिन उनके स्तर से इस संबंध में कोई संकेत नहीं दिया गया। रात को एएमयू के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने कहा कि छात्रों ने जुलूस निकाला है। विश्वविद्यालय की ओर से शैक्षणिक कलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां पर देश के विभिन्न प्रांतों और राज्यों के छात्र हैं। उन्होंने परीक्षा के बाद घर जाने के लिए रिजर्वेशन आदि करा रखा है। इसी के चलते परीक्षा कार्यक्रम यथावत रहेगा।
*नागरिक संशोधन बिल लोकसभा में पास होने पर ख़ुशी का इजहार करते हुए मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष व राष्ट्रवादी नेता मो. आमिर रशीद ने कहा कि दूसरे देशों से आए हुए मुस्लिम शरणार्थी हमारे देश में रहकर सबसे ज्यादा नुकसान देश के मुसलमानों का ही कर रहे थे। देश के मुसलमानों को बिल से डरने की जरूरत नहीं। देश का मुसलमान राष्ट्रवादी है। अब तो यह बात आरएसएस के संघचालक मोहन भगवत और नरेंद्र मोदी ने भी विदेशों में जाकर बड़े मंचों से स्वीकारी है। आमिर ने कहा कि ओवैसी दूसरे जिन्ना बनने की कोशिश नहीं करें। जितना मुसलमान हमारे देश में सुरक्षित है उतना तो इस्लामिक मुल्कों में भी नहीं।
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*औटा (आगरा विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रक्षपाल सिंह ने कहा है कि वह पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में अत्याचारों के शिकार हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी, समुदायों के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का स्वागत करते हैं। भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों को संविधान से प्रदान किए गए अधिकारों को अच्क्षुण बनाए रखने के हामी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विशाल देशभक्त ने कहा है कि एएमयू में जो मुस्लिम नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर रहे है उन्हें सिर्फ देश मे अराजकता फैलाना है।
*अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा आम बात है। यह चिंता का विषय है। जहां एक ओर पूरे देश में नागरिकता संशोधन बिल के लोकसभा में पास होने पर हर्ष का माहौल है। एएमयू में मातम मनाया जा रहा है। एएमयू का प्रॉक्टर विभाग कहता है कि ऐसी किसी बैठक की अनुमति नहीं दी जाती। इन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि यह कार्यक्रम संचालित कैसे हो गया। हिंदुत्व विरोधी नारेबाजी से साबित हो गया कि देश विरोधी ताकतें पनप रही हैं। बाकि बिल के अनुसार यहां रहने वाले किसी भी मूल नागरिक को इस बिल से कोई हानि नहीं है। उसके बाद भी इनका अनर्गल प्रलाप देश के हित में नहीं है। पूरे घटनाक्रम से सांसद सतीश गौतम को अवगत करा दिया है।
* मंगलवार की रात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस के दौरान हंगामा और नारेबाजी करने से माहौल बिगड़ गया। हालात को संभालने पहुंची पुलिस से छात्रों ने धक्का-मुक्की और अभद्रता कर दी। इस मामले में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने दो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों सहित 20 नामजद और 700 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।