जानिए क्यों इस पूर्व IPS ने बाहुबली अनंत सिंह से अपनी जान को बताया खतरा?

लेकिन अब करीब 10 साल बाद पुलिस ने छापामारी कर AK-47 और कई हैंड ग्रेनेड बरामद किये हैं। उन्होंने बिहार सरकार पर अनंत सिंह को संरक्षण देने का गंभीर आरोप भी लगाया।

Aditya Mishra
Published on: 21 Aug 2019 12:01 PM GMT
जानिए क्यों इस पूर्व IPS ने बाहुबली अनंत सिंह से अपनी जान को बताया खतरा?
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पटना: बिहार के एक पूर्व आइपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने बाहुबली विधायक अनंत सिंह से अपनी जान को खतरा बताया है। अनंत सिंह से जान बचाने के लिए रिटायर्ड आईपीएस ने सरकार को पत्र लिखकर अपने लिए सुरक्षा की मांग की है।

उनका कहना है, कि वर्ष 2009 में बाहुबली विधायक अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा स्थित घर में हथियारों का जखीरा होने की रिपोर्ट उन्होंने निर्वाचन आयोग को दी थी।

इस बाबत उन्होंने कहा था कि लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल के लिए बाहुबली अनंत सिंह ने हथियारों का जखीरा इकट्ठा किया है। लेकिन उस गोपनीय चिट्ठी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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लेकिन अब करीब 10 साल बाद पुलिस ने छापामारी कर AK-47 और कई हैंड ग्रेनेड बरामद किये हैं। उन्होंने बिहार सरकार पर अनंत सिंह को संरक्षण देने का गंभीर आरोप भी लगाया।

लेटर में लिखी हैं ये बातें

1994 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को 21 अगस्त को चिट्‌ठी लिखी है कि उन्होंने ही बाहुबली विधायक अनंत सिंह के लदमा (बाढ़) स्थित आवास पर एके47, एके56 जैसे हथियारों का जखीरा होने की सूचना पुलिस मुख्यालय को दी थी।

उन्होंने 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान इन हथियारों के जरिए आतंक मचाए जाने की आशंका जताई थी, लेकिन अब 16 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी कर उसी घर से एके47 बरामद किया है।

दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में यह जानकारी दी है कि बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने उनकी हत्या के लिए गुर्गों को सुपारी भी दे दी है।

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जान बचाने की गुहार लगाते हुए रिटायर्ड आईपीएस ने बिहार सैन्य पुलिस के दो गोरखा अंगरक्षकों की सुरक्षा मुहैया कराने की मांग रखी है।

बिहार सैन्य पुलिस जमुई के कमांडेंट रहते हुए 2009 में लिखी चिट्‌ठी की प्रति संलग्न करते हुए अमिताभ कुमार दास ने ताजा पत्र के अंतिम वाक्य में यह भी लिख दिया है कि उनके साथ किसी अनहोनी के लिए बिहार पुलिस मुख्यालय जिम्मेदार होगा।

ज्ञातव्य है कि पिछले हफ्ते रिटायर्ड डीआईजी अजय वर्मा को कुछ गुंडों ने शहर से सटे बाइपास पर लात-घूंसों से पीट दिया था और उनकी पत्नी के लगातार प्रयास के बावजूद थानों से कोई मदद नहीं मिलने के कारण मामला गरमा गया था।

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