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सुप्रीम कोर्ट के जज से भिड़े सीएम: CJI को लिखा पत्र, लगाए ये गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री का कहना है कि जस्टिस रमन्ना की बेटियां जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में शामिल रही हैं और यही कारण है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से जुड़े मामलों की सुनवाई को प्रभावित किया।

Shivani
Published on: 11 Oct 2020 5:18 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट के जज से भिड़े सीएम: CJI को लिखा पत्र, लगाए ये गंभीर आरोप
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अंशुमान तिवारी

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के एक सनसनीखेज आरोप से खलबली मच गई है। मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठता में नंबर दो माने जाने वाले जज एन वी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मुख्यमंत्री का आरोप है कि रमन्ना राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की साजिश में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एस ए बोबडे को लिखे पत्र में रमन्ना पर यह गंभीर आरोप लगाया है।

नायडू से जुड़े मामलों को किया प्रभावित

मुख्यमंत्री की ओर से सीजेआई को यह चिट्ठी 6 अक्टूबर को लिखी गई थी। हालांकि इस चिट्ठी के लिखे जाने का खुलासा शनिवार को हुआ। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के प्रमुख सलाहकार अजेय कल्लन की ओर से यह चिट्ठी जारी की गई।

andhra CM jagan mohan reddy writes to cji accused SC-judge ramana of colluding with TDP

इस चिट्ठी में मुख्यमंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जस्टिस एनवी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि जस्टिस रमन्ना की बेटियां जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में शामिल रही हैं और यही कारण है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से जुड़े मामलों की सुनवाई को प्रभावित किया।

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देश में ऐसी पहली घटना

जानकारों का कहना है कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री की ओर से सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से शिकायत की गई है। इस शिकायत में न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित करने की बात का जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री ने सीजेआई से अनुरोध किया है कि आंध्र प्रदेश में न्याय व्यवस्था की तटस्थता को बनाए रखने के लिए कदम उठाएं।

न्याय प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश

अपनी चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने कहा है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी पिछले साल मई में सत्तारूढ़ हुई। राज्य में पार्टी की सरकार बनने के बाद चंद्रबाबू की सरकार की ओर से जून 2014 से लेकर मई 2019 के बीच की गई सभी तरह जीवों की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच का आदेश जारी किए जाने के बाद से ही जस्टिस रमन्ना राज्य के न्याय प्रशासन को प्रभावित करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

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मुख्यमंत्री ने इस मामले का किया जिक्र

मुख्यमंत्री की चिट्ठी में कहा गया है कि जमीन लेन-देन के मामले में राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल दम्मल पति श्रीनिवास के खिलाफ जांच बैठाई गई थी मगर इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से स्टे दे दिया गया। राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली थी मगर इसके बावजूद इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से स्टे आर्डर दिया गया।

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यह मामला अमरावती में जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है और इसी सिलसिले में श्रीनिवास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हाईकोर्ट ने गत 15 सितंबर को जारी आदेश में मीडिया पर भी फंदा कस दिया है। हाईकोर्ट ने श्रीनिवास के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के मामले की डिटेल्स को प्रकाशित करने से भी रोकने का आदेश दिया था।

नायडू संग मिलकर सरकार गिराने की साजिश

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का कहना है कि चंद्रबाबू नायडू राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं और इस मामले में उन्हें जस्टिस रमन्ना भी मदद दे रहे हैं।

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जस्टिस रमन्ना हाईकोर्ट के काम में दखल देकर जजों को प्रभावित करने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री का कहना है कि जस्टिस रमन्ना चंद्रबाबू नायडू के हितों के संरक्षण का काम कर रहे हैं और वे मेरी सरकार को गिराना चाहते हैं।

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